Vinit Upadhyay
Ranchi : झारखंड के किसी भी जिले के उपायुक्त (डीसी) अब रजिस्ट्री कैंसल करने में सक्षम नहीं होंगे. झारखंड के सभी जिलों के डीसी के लिए राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग ने एक पत्र जारी किया है. विभाग के संयुक्त निबंधन महानिरीक्षक के द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कपटपूर्ण रूप से निबंधित दस्तावेज को जांच के बाद रद्द करने के आदेश को स्थगित कर दिया गया है. यह आदेश विधि विभाग के मंतव्य के बाद जारी किया गया है. जिसपर विभागीय मंत्री का अनुमोदन भी मिल गया है. विभाग ने यह भी निर्देश जारी किया है कि विभागीय पत्र के अलोक में अगले आदेश तक दस्तावेज रद्द करने से संबंधित सभी कार्रवाई स्थगित रखी जाये. पढ़ें – महाराष्ट्र संकट : राज्यपाल हुए रेस, उद्धव सरकार के तीन दिनों के फैसलों पर जवाब तलब किया, ED के समक्ष पेश नहीं होंगे संजय राउत
2016 में विभाग के द्वारा पत्र जारी कर डीसी को यह अधिकार दिया गया था
बता दें कि वर्ष 2016 में विभाग के द्वारा ही एक पत्र जारी कर डीसी को यह अधिकार दिया गया था कि वे कपटपूर्ण निबंधित दस्तावेजों को जांच के बाद रद्द कर सकते हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार ऐसा देखा जा रहा है कि डीसी द्वारा दस्तावेज रद्द किये जाने की प्रक्रिया शुरू करते ही संबंधित पक्ष अदालत चले जा रहे हैं और वहां से डीसी द्वारा शुरू की जा रही प्रक्रिया पर रोक लग जा रही है. पिछले वर्ष गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की रजिस्ट्री रद्द किये जाने को लेकर देवघर डीसी द्वारा की गई कार्रवाई काफी चर्चा में रही थी. जिसको लेकर सांसद की पत्नी ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. जहां से उन्हें राहत मिली है.
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