New Delhi : अनलॉक को लेकर राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार की ओर से दी गयी छूट पर दिल्ली हाइकोर्ट सख्त हो गया है. हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को इसके लिये फटकार लगाई है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि दूसरे राज्य जहां कोरोना वायरस को लेकर सख्ती बरत रहे हैं, वहीं दिल्ली की सरकार की और से लगातार अनलॉक किया जा रहा है.
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में दिल्ली ने कोविड-19 मरीजों के मामले में महाराष्ट्र और केरल को पीछे छोड़ दिया है. कोर्ट ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए पिछले दो हफ्तों में दिल्ली सरकार की ओर से क्या कदम उठाये गये हैं, इसकी स्टेटस रिपोर्ट सरकार करे. मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी.
क्या कोरोना के दोगुने मामले आने का इंतजार कर रही है सरकारः कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवायी करते हुये कहा कि दिल्ली में आंकड़े प्रति दिन 8000 से ऊपर हैं. क्या सरकार आंकड़ों के डबल होने का इंतजार कर रहे हैं? कोर्ट ने सुनवायी के दौरान कहा कि सरकार की ओर से स्कूलों को खोला जा रहा है. साप्ताहिक बाजार में रौनक लौटने लगी है. दिल्ली सरकार बताए कि हमें इस याचिका का दायरा टेस्ट से आगे बढ़ाते हुए किट की उपलब्धता या अन्य मुद्दों तक क्यों नहीं लेकर जानी चाहिए?’
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सरकार के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आया हाइकोर्ट
अपना पक्ष रखते हुये केजरीवाल सरकार ने कि दिल्ली के कई ऐसी जगह है, जहां कोरोना के मामले कम हैं. इसमें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली भी शामिल है. सरकार ने कोर्ट के समक्ष इस बात को स्वीकार की कि नई दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
हालांकि दिल्ली सरकार के इस जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं नजर आया. कोर्ट ने कहा, ‘हम सभी मौजूदा स्थिति से वाकिफ हैं दिल्ली सरकार ने क्यों अपने सारे पंख खोल दिए हैं जबकि दूसरे राज्यों में संक्रमण को रोकने के लिए बंदी पर काम हो रहा है.
कोरोना संक्रमित के दायर याचिका पर हुयी सुनवायी
जस्टिस हीमा कोहली और एस. प्रसाद की बेंच ने नगर निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी, कल्याण समिति व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवायी कर रही थी. इसमें याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वह कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. बावजूद इसके न उन्हें बेड मिला और न कोई अस्पताल. एक दोस्त ने एक नर्सिंग होम में इलाज के भर्ती कराया, पर यहां एक ऑक्सीजन मीटर के अलावा कोई मदद नहीं मिला.