Koderma: रसोई गैस में वृद्धि होने के साथ ही घर का बजट बढ़ने लगा है. यह आमलोगों पर भारी पड़ता जा रहा है. इससे सभी केंद्र सरकार से नाराज हैं. एक तरफ बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं तो दूसरी तरफ गैस की कीमत बढ़ने से परेशान हैं. जहां कीमत घटनी चाहिए था, वहीं बढ़ती जा रही है.
इस पर राजद जिला अध्यक्ष सह जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गैस का दाम फिर से बढ़ गया है. इससे लोग परेशान हैं. कहा कि जो लोग जॉब करते हैं, उनके वेतन तो सीमित होते हैं. उनके बजट भी सीमित होते हैं. महंगाई जब बढ़ती है तो बजट प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि 2014 के पहले जो सरकार थी, वह ठीक थी. उस समय गैस का दाम 300 से 400 रुपया था. तब भाजपा के लोग कहते थे कि महंगाई बहुत ज्यादा है. सरकार को बदलने की जरूरत है. अब महंगाई दिन पर दिन लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
गैस की कीमत बढ़ने से आमलोग काफी परेशान हैं. अमरजीत कौर ने बताया कि लगातार गैस की वृद्धि से अब हमलोगों को लगता है कि वापस लकड़ी पर खाना बनाना पड़ेगा. क्योंकि इतनी महंगाई में गैस भरा पाना मध्यम परिवार के लिए काफी मुश्किल होता जा रहा है. दीपा शिंकर ने बताया कि जॉब करने वाले लोगों की एक निश्चित आमदनी होती है. बजट के अंदर ही घर चलाना होता है. ऐसे में हर समय गैस का दाम बढ़ने से मुश्किल होती है. घर का बजट गड़बड़ाता है.
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शीतल शर्मा ने बताया कि जब हमलोगों को परेशानी हो रही है तो दैनिक मजदूरी कर रहे लोगों को और परेशानी होगी. सरकार ने उज्ज्वला गैस योजना के तहत गरीबों को सिलेंडर और चूल्हा तो उपलब्ध करा दिया है, लेकिन उनके लिए गैस भराना मुश्किल हो रहा है. लगातार गैस की कीमतों में वृद्धि होने से वे लकड़ी के चूल्हे पर उतर गये हैं. इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
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