Hazaribagh: अभी लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत से उबर भी नहीं पाये थे कि रसोई गैस के दाम में 50 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई . इसका सीधा असर आम लोगों के मासिक बजट पर पड़ा है. ऐसे में लगातार मीडिया ने लोगों की प्रतिक्रियाएं जानने का प्रयास किया. इस पर लोगों ने अपनी समस्या से सरकार को अवगत कराया. मध्यमवर्गीय परिवार से आनेवाली शहर की विष्णुपुरी निवासी बबीता सिन्हा कहती हैं कि रसोई गैस का दाम बढ़ने से पूरा मासिक बजट प्रभावित हुआ है.
बबीता सिन्हा ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार महंगाई की सरकार है. अब तो खाना पकाना मुश्किल हो गया है. मध्यमवर्गीय परिवार के लिए यह असहनीय स्थिति है. इस सरकार में आम जनता महंगाई की मार झेल रही है. सरकार के एजेंडे में सिर्फ अमीर लोग हैं. आमजन नहीं. ऐसे ही पहले से डीजल-पेट्रोल और अनाज के दाम बढ़े हुए हैं. गरीबों की रोटी-दाल के भी लाले पड़े हैं. ऊपर से रसोई गैस के दाम में 50 रुपए की बढ़ोतरी करना कहां तक जायज है. सरकार से आग्रह है कि आमजनों का ख्याल करे और महंगाई पर अविलंब रोक लगाए.
घर चलाना मुश्किल हो गया है- रीता देवी
विष्णुगढ़ की महिला रीता देवी कहती हैं कि अब तो घर चलाना मुश्किल हो गया. भोजन बनाना, खुद खाना और औरों को खिलाने में भी परेशानी बढ़ गई. अब एक वक्त उपवास रखने का वक्त आ गया है. रसोई गैस का दाम बढ़ाना सरकार की मजबूरी हो सकती है, लेकिन सरकार को चाहिए सरकारी कार्यक्रमों पर होनेवाले खर्च पर अंकुश लगाए. आम आदमी का हक नहीं मारे. यह तो सीधा मासिक बजट पर मार है. उज्ज्वला योजना में सिलेंडर तो मिला, लेकिन उसमें इतनी महंगी गैस कैसे भरेगी, यह भी सरकार को सोचना होगा. रसोई गैस अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही है. सरकार जल्द रसोई गैस का दाम नहीं घटाती है, तो मध्यमवर्गीय परिवार की परेशानियों का अंत नहीं हो पाएगा.
दाम बढ़ने से भोजन का जायका बिगड़ गया है- प्रतिमा मिश्रा
नूतन नगर निवासी प्रतिमा मिश्रा कहती हैं कि रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी से भोजन का पूरा जायका बिगड़ गया है. आदमी भोजन कैसे बनाए, यह सबसे बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. आए दिन हर चीज महंगी होती जा रही है. पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों के मूल्य में बढ़ोतरी हुई. अब फिर रसोई गैस के दाम सीधा 50 रुपए बढ़ा दिए गए. ऐसे में आम आदमी क्या करे, कुछ समझ में नहीं आता. महंगाई के कारण पहले से ही घर का मासिक बजट बिगड़ा हुआ था. अब रसोई गैस के मूल्य में बढ़ोतरी से कैसे एडजस्ट किया जाए, पता नहीं चलता.
गैस की कीमत पर लगाम लगाने की जरूरत है- फिरोज
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लोहसिंगना के फिरोज अंसारी कहते हैं कि रसोई गैस की कीमत पर लगाम कसने की जरूरत है. ऐसे ही लगातार दाम बढ़ते रहे, तो वह दिन दूर नहीं, जब आमजन त्राहिमाम करने लगेंगे. वैसे भी रसोई गैस का दाम बढ़ने से यह आमलोगों की पहुंच से बाहर हो रहा है. ऐसे में आमजनों की दाल-रोटी पर भी आफत आन पड़ी है. सरकार को चाहिए कि वैसी वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि करे, जिससे मध्यमवर्गीय परिवार की परेशानी नहीं बढ़े. पबरा के संजय कुमार राणा ने कहा कि रसोई गैस का दाम बढ़ाना गलत है. सरकार कहती है कि सबका साथ, सबका विकास. सरकार के इस नारे में मध्यम वर्ग के लोग कहां आते हैं. इस सरकार को सोचना चाहिए.