Dhanbad: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के बैनर तले धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एक दिवसीय धरना दिया गया.
वहीं महिलाओं ने कहा कि मजदूर महिलाएं मोदी सरकार की ओर से पारित श्रम कानूनों के खिलाफ लड़ रही हैं. स्कीम वर्कर्स भी अपनी लड़ाई लड़ रही हैं. उनकी मांग है कि कर्मचारी की मान्यता और न्यूनतम वेतन मिले.
देश भर की गरीब महिलाओं के हितों पर हमला है कृषि कानून
किसान महिलाएं दिल्ली के बार्डर पर और पूरे देश में कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रही हैं. अडाणी और बड़े पूंजीपतियों के फायदे के लिए बनाये गये ये कानून किसानों की गुलामी का दस्तावेज है. इन कानूनों के जरिए सरकार धीरे-धीरे राशन व्यवस्था (जन वितरण प्रणाली) को खत्म कर देगी. इसलिए यह देश भर की गरीब महिलाओं के हितों पर हमला है.
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बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों का अनाज पर नियंत्रण होने पर अनाज और महंगा होकर बाजार में बिकेगा और मध्यवर्गीय महिलाओं की रसोई को भी प्रभावित करेगा. इसलिए, इन तीन कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग किसान महिलाओं की ही नहीं देश की आम महिलाओं की भी मांग है.
रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं महिलाएं
साथ ही पेट्रोल, डीजल और और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से महिलाएं परेशान हैं. इसलिए निजीकरण का विरोध और कीमतों पर नियंत्रण की मांग कर रही हैं.
स्वयं सहायता समूहों व माइक्रो फायनांस संस्थाओं से छोटे कर्ज लेने वाली महिलाएं कर्ज माफी, ब्याज दरों को कम करने और अन्य राहतों की मांग कर रही हैं.
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