Chaibasa (Sukesh Kumar) : सरकारी कॉलेज होते हुए भी ज्ञानचंद जैन कॉमर्स कॉलेज ने अपनी एक अलग पहचान इंटरमीडिएट कॉमर्स में बना कर रखी है. इस महाविद्यालय में तकरीबन 500 इंटरमीडिएट कॉमर्स की सीट जैक द्वारा अनुमोदित है. यहां हर वर्ष पूरे जिले के गरीब बच्चे इंटरमीडिएट में अपना नामांकन करवाते हैं. क्योंकि, सरकारी कॉलेज होने के कारण यहां की फीस काफी कम है. लगभग इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष में मात्र 1800 रुपये पूरे वर्ष भर की पढ़ाई, पंजीयन, परीक्षा प्रपत्र के लगते हैं. जबकि इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष में प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में लगभग 20 हजार रुपये शुल्क लगते हैं. साथ ही सरकारी संसाधनों के आभाव में भी यहां का रिजल्ट हमेशा अच्छा होता आया है.
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इंटरमीडिएट फाइनल परीक्षा में 82 विद्यार्थियों को प्रथम श्रेणी में मिली सफलता
इस बार भी इस महाविद्यालय से 212 परीक्षार्थियों ने इंटरमीडिएट फाइनल की परीक्षा दी थी. जिसमें से 82 छात्र-छात्राओं को प्रथम श्रेणी में सफलता मिली, 107 छात्र-छात्राओं को द्वितीय श्रेणी में और चार छात्रों को तृतीय श्रेणी में सफलता मिली. हालांकि, चार छात्र-छात्राओं का रिजल्ट पेंडिंग रहा व 15 छात्र-छात्राओं को असफलता मिली. महाविद्यालय के छात्र संजय कुमार दास ने 418 नंबर लाकर महाविद्यालय का नाम ऊंचा किया और कॉलेज टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया. वहीं, 411 अंक प्राप्त करते हुए दिव्यांसू कुमार द्वितीय स्थान पर रहें और रश्मि चौधरी ने 405 अंक प्राप्त करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया. ऐसे में इतने कम संसाधनों में भी इतना अच्छा रिजल्ट महाविद्यालय का होना आपने आप में एक मजबूत प्रबंधन को दर्शाता है.
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महाविद्यालय में मात्र दो शिक्षक
मालूम हो कि इस महाविद्यालय में इंटरमीडिएट विभाग में मात्र दो शिक्षक हैं. एक तो इंटरमीडिएट प्रभारी प्रोफेसर करण चंद्र टुडु और दूसरी शिक्षिका प्रोफेसर लक्ष्मी बोदरा. साथ ही कार्यालय कार्य हेतु तीन क्लर्क और दो प्यून है. इस महाविद्यालय के शिक्षकों द्वारा काफी मेहनत की जाती है. इसलिए यहां की पढ़ाई और रिजल्ट दोनों कम फीस में अच्छी होती है. यहां के छात्र-छात्राएं हमेशा नियमित यूनिफॉर्म पहन कर आते हैं, अपनी कक्षाएं करते हैं. यहां के प्राचार्य के कुशल नेतृत्व व निर्देशन से यहां पढ़ाई का वातावरण हमेशा बना रहता है.
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डॉ. प्रोफेसर मुरारी लाल बैध को इंटरमीडिएट विभाग का बनाया गया है कोऑर्डिनेटर
इस महाविद्यालय द्वारा इंटरमीडिएट विभाग को नियोजित और सुचारू रूप से चलाने के लिए डॉ. प्रोफेसर मुरारी लाल बैध को इंटरमीडिएट विभाग का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है. उनके निर्देश पर इंटरमीडिएट विभाग कार्य करता है. यह कहा जा सकता है कि कॉमर्स कॉलेज गरीब बच्चों के लिए कम फीस में, अच्छे वातावरण की पढ़ाई का एक केंद्र है. चाईबासा नगर के बहुत सारे व्यवसायी इसी कॉलेज के प्रोडक्ट है. इस महाविद्यालय ने अभी तक बहुत सारे चार्टर्ड अकाउंटेंट को जन्म दिया है.
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पढ़ाई को लेकर सभी शिक्षक सक्रिय : प्रभारी करण टुडू
इंटरमीडिएट प्रभारी करण टुडू ने बताया कि जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को लेकर सभी शिक्षक सक्रिय हैं. किसी भी तरह की लापरवाही सामने नहीं आती है. शिक्षक की मेहनत से ही विद्यार्थियों का परिणाम आता है. आने वाले दिनों में और भी बेहतर परिणाम हो इसको लेकर पूरे कॉलेज का इंटरमीडिएट विभाग काम कर रहा है.
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