Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की गुवा खदान की ओवर वार्डेन मिट्टी व पत्थर रानी चुआं क्षेत्र के जंगलों से बहकर सारंडा जंगल व प्राकृतिक नदी-नालों को प्रभावित कर रही है. इससे सारंडा के छोटानागरा व गंगदा पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है. 19 जुलाई को विभिन्न गांव के दर्जनों ग्रामीण गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल के नेतृत्व में सारंडा जंगल की रानी चुआं पहाड़ियों को चढ़कर सेल की गुवा खदान तक पहुंचें. राजू सांडिल ने बताया कि गुवा खदान प्रबंधन ने जहां ओवर वार्डेन की मिट्टी व पत्थर डंप किया है, उसी डंप क्षेत्र से वर्षा के पानी के साथ उक्त मिट्टी बह कर आ रही है. साथ ही यह जोजोगुटु, राजाबेड़ा, बाईहातु, जामकुंडिया, छोटानागरा से लेकर दोदारी, दुईया आदि गांव के नदी-नालाें के किनारे स्थित किसानों की कृषि भूमि को न सिर्फ बंजर कर रही है, बल्कि जंगल व नदी-नालाें को भी प्रदूषित व भारी नुकसान पहुंचा रही है.
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गुवा खदान प्रबंधन से कई बार की गई है समस्या का समाधान करने की मांग
राजू सांडिल ने बताया कि गुवा खदान प्रबंधन से मिलकर दर्जनों बार इस समस्या का समाधान, पक्का चेकडैम बनाने की मांग, बंजर हुई खेतों का मुआवजा व खेतों के ऊपर से लौह चूर्ण हटाने की मांग के अलावा प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में नौकरी देने आदि की मांग कि जाती रही है. लेकिन गुवा प्रबंधन के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है. इस दौरान उन्होंने वन विभाग पर भी आरोप लगाया की विभाग ऐसे मिट्टी व पत्थर को रोकने हेतु गुवा प्रबंधन के खिलाफ जबाबदेही तय करने व पक्का चेकडैम का निर्माण क्यों नहीं कराती है. उन्होंने कहा कि जब गुवा खदान से हमारे खेत, नदी-नाले प्रभावित व बंजर हो रहे हैं तो हम यहां के बेरोजगारों के लिये नौकरी मांग कर कौन सा अपराध कर रहे हैं.
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प्रबंधन ने मात्र 250 रुपये मजदूरी पर रखे हैं 20 मजदूर
राजू सांडिल ने कहा कि प्रबंधन को तमाम प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में 75 फीसदी रोजगार देना होगा. हम एक सप्ताह के बाद इस मामले को लेकर जिला परिषद, प्रमुख, मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि, मानकी, मुंडा आदि के साथ संयुक्त बैठक करेंगे. साथ ही आगे की आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए कार्य योजना बनायेंगे. उन्होंने कहा कि रानी चुआं क्षेत्र में गुवा प्रबंधन एक कच्चा चेकडैम बना रही है, जिसमें सारंडा के लगभग 20 मजदूरों को काम पर रखा गया है. बिना सुरक्षा उपकरण के उन्हें लगभग 500 रुपये की जगह मात्र 250 रुपये मजदूरी ही दी जा रही है. ऐसे में गुवा प्रबंधन बताए की सेल के कामों में एक अकुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी क्या है.
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चेकडैम बनाने के लिए वन विभाग के कैंपा फंड में किया गया है 6.50 करोड़ रुपये जमा : उप महाप्रबंधक
इस मामले में जब सेल गुवा खदान के उप महाप्रबंधक (सीएसआर) टीसी आनंद से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि हमलोगों ने बीते मार्च महीने में वन विभाग के कैंपा फंड में 6.50 करोड़ रुपये जमा किया है. इस पैसे से वन विभाग को कंक्रिट का चेकडैम आदि बनाना है. खदान की मिट्टी बरसात में बाहर नहीं जाये इसलिये प्रत्येक वर्ष रानी चुआं तरफ कच्चा चेकडैम का निर्माण कराया जाता है. इस बार भी लोहे की जाली व पत्थर से चेकडैम का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुखिया राजू सांडिल के पंचायत के कई गांव हमारे खदान से प्रभावित नहीं है, फिर भी वे नौकरी की मांग को लेकर ऐसा विवाद निरंतर खड़ा कर रहे हैं.
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