Ranchi : इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी की ओर से सतत शहरी प्रोजेक्ट के तहत तीन दिवसीय शहरी युवा नेतृत्व और प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन गुरुवार को हुआ. यह कार्यशाला रांची के स्टेशन रोड स्थित होटल एवीएन प्लाजा में नौ मार्च से 11 मार्च तक आयोजित था. गुरुवार को कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर विमेंस स्टडी सेंटर की प्रोफेसर डॉक्टर ममता कुमारी रहीं.
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कार्यशाला में क्लाइमेंट चेंज की जानकारी दी
इस मौके पर पर्यावरण कार्यकर्ता प्रवीण टुडू ने रांची की विभिन्न बस्तियों के चयनित 20 बच्चों को क्लाइमेट से जुड़े बदलाव के बारे में अवगत कराया. साथ ही उसे रोकने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्यशाला का संचालन ऋषित नियोगी ने किया.
इस तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य शहरी (यूवाईएलपी) प्रतिभाशाली, उत्सुक उभरते युवा नेताओं को शहरी मुद्दों पर सीखने और काम करने के लिए और विकास को लेकर, पेशेवर के रूप में करियर शुरू करने के लिए इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी (आईजीएसएसएस) की ओर से प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की पहल की गई है, जिसमें शहरी गरीबी पेशेवरों की एक नई लाइन बनाना और बनाए रखना है.
लड़के-लड़कियों में असमानता घरों से शुरू होती है
इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ ममता कुमारी ने लिंग के मुद्दों पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि लड़कों और लड़कियों की असमानता की शुरुआत घरों से होती है. समाज में जेंडर विभाजन की एक प्रक्रिया होती है, जो महिलाओं पर होने वाले शोषण की पृष्ठभूमि तैयार करता है. इस दौरान ट्रांसजेंडरों के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि किन्नरों का जीवन जीने से लेकर पढ़ाई-लिखाई कठिनाई से भरा होता है. साथ ही उन्होंने अपने निजी जीवन पर भी प्रकाश डाला. कार्यशाला का समापन चयनित प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण कर किया गया.
इस मौके पर राज्य संयोजक बसब भट्टाचार्य, डॉ ममता कुमारी अमरूता, रश्मि लाल ऋषित नियोगी, रश्मि लाल, शांति कुमारी, रितु खलखो व बच्चे समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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