- राज्य के कुल राशन कार्डधारियों की संख्या है 64 लाख 59 हजार 852
- सभी को प्रतिमाह 1 किलो दिया जाना है दाल
- दाल वितरण योजना के लिए 2022-23 में किया गया है 490 करोड़ का बजटीय प्रावधान
- विभाग प्रति माह अगर 70 रुपए किलो दर से दाल का क्रय करता है, तो 46 से 50 करोड़ रुपए ही होंगे खर्च
Pravin Kumar
Ranchi: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों को प्रतिमाह 1 किलो दाल देने के लिए खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग के बजट में 490 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रस्ताव को कैबिनेट ने15 जुलाई को मंजूरी दे दी थी. लेकिन योजना को जमीन पर उतारने के लिए विभाग जिस गति से कार्य कर रहा है, उससे लाभुकों तक दाल पहुंचने में और तीन महीने का समय लग सकता है. बजट प्रावधान के बाद विभाग को कैबिनट में इस प्रस्ताव को लाने में ही तीन महीने का समय लग गया. ऐसे में अक्टूबर से पहले 64 लाख 59 हजार 852 लाभुकों को दाल मिलने की संभावना कम ही है. विभाग हर महीने दाल खरीदारी पर 46 से 50 करोड़ खर्च करेगा. इस हिसाब से विभाग मार्च 2023 तक 300 करोड़ ही खर्च कर पाएगा. ऐसे में 190 करोड़ रुपए मार्च में लैप्स हो जाएगा.
सरकारी दाल गलते-गलते आ जाएगा अक्टूबर
राज्य के 64,59,852 पीडीएस लाभुकों के चूल्हे तक दाल पहुंचते-पहुंचते अक्टूबर तक का समय लगने की संभावना है. दाल खरीद को लेकर राज्य में मोटे अनाज के उत्पादन का आकलन किया जा रहा है. कृषि विभाग के आंकड़े मंगाए जा रहे हैं. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग इसके लिए रिक्वेस्ट प्रपोजल (आरएपी) तैयार कर रहा है. रिक्वेस्ट प्रपोजल को विभागीय मंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद विज्ञापन जारी होगा. फिर इस पर प्री-बिड ऑक्शन के लिए लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी. इसमें लगभग 21 दिन का समय लगता है. इसके बाद विभाग इन आपत्तियों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए इसमें संशोधन करेगा. आरएपी फाइनल होने के बाद टेक्निकल बिड निकाली जाएगी. टेक्निकल बिड की समीक्षा के बाद दाल खरीदारी के लिए बेस प्राइस के रिवर्स ऑक्शन में एल वन होने वाली कंपनी के साथ दाल सप्लाई का विभाग एग्रीमेंट करेगा. काम करने की जो वर्तमान गति है, इसे देखते हुए तीन माह से अधिक का समय लगने की संभावना विभाग के अफसरों ने बी जतायी है. अफसरों की मानें, तो लाभुकों के घर के चूल्हे पर दाल गलते-गलते नवंबर तक का समय लग सकता है.
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