Hazaribag : सावन माह गुजर रहा है और हजारीबाग जिले में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं है. इससे किसानों का हाल बेहाल तो हैं ही, पशुपालक भी परेशान हैं. मवेशियों के चारे के लिए भी उन्हें सोचना पड़ रहा है. खेतों में धान का बिचड़ा तो डाला गया है, लेकिन बारिश की कमी के कारण धान के पौधे नजर नहीं आ रहे हैं. हालात यह है कि कम पानी में होनेवाली खरीफ की फसलें भी मुरझाने लगी हैं.
न धान की फसल होगी, ना ही चारा
इचाक हदारी के पशुपालक रामेश्वर राम कहते हैं कि अगर फसलें नहीं हुईं, तो पशुओं के लिए चारा कहां से आएगा. अभी से ही चारा का संकट दिखने लगा है. अधिक कीमत पर लेकर धान का बीज बोया, तो वर्षा ने दगा दे दिया. अब न तो धान की फसल होगी और न मवेशियों को चारा नसीब हो पाएगा. तिलरा के किसान व पशुपालक मोहन राणा कहते हैं कि मॉनसून ने उनकी कमर तोड़ दी. उधार लेकर खेतों में बिचड़ा छींटा था, अब तक धान के पौधे ही नहीं हुए. आगे मवेशियों को क्या खिलाएंगे. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है. मौसम की दोहरी मार से उनका पूरा परिवार बेहाल है. धान की बेहतर पैदावार से उम्मीद रहती है कि कर्ज भी टूट जाएगा और मवेशियों के लिए चारे भी उपलब्ध हो जाएंगे. लेकिन इस बार कुछ नहीं हो पाया.
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बारिश दे गया दगा
कवातू के पशुपालक संतोष उपाध्याय कहते हैं कि उनके पास चार गायें और दो बैल है. अभी तो चारा है, लेकिन आगे आफत मुंह बाए खड़ी है. बारिश के अभाव में धान की फसल नहीं होगी, तो पशुओं को कहां से खिला पाएंगे. धान के पुआल काफी दिन तक पशुओं के चारे के रूप में काम आते थे. लेकिन इस बार स्थिति कुछ और है.