Kolkata : SSC recruitment scam में फंसे ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट ने आज14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दोनों अब 18 अगस्त तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेंगे. बता दें कि ईडी ने दोनों की कस्टडी मांगी थी. इससे पहले कोर्ट में अर्पिता मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है. जांच करने के बाद ही अर्पिता को भोजन और पानी दिया जाना चाहिए. कहा कि हम अर्पिता के लिए एक डिवीजन 1 कैदी कैटेगिरी चाहते हैं.
A Kolkata Court sends Partha Chatterjee and Arpita Mukherjee to judicial custody till 18th August in connection with the SSC recruitment scam
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— ANI (@ANI) August 5, 2022
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अर्पिता की सुरक्षा बढ़ा दी जानी चाहिए
खबर है कि ईडी के वकील ने भी समर्थन किया कि अर्पिता की सुरक्षा बढ़ा दी जानी चाहिए. कहा कि अर्पिता को 4 से ज्यादा कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता. साथ ही ईडी ने कहा कि टेस्ट करने के बाद ही अर्पिता को भोजन और पानी दिया जाना चाहिए. साथ ही ईडी ने कहा कि पार्थ को लेकर कोई खतरा नहीं है.
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ED ने कहा, कुल 49.8 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई है
ED ने कोर्ट में जानकारी दी कि कुल 49.8 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई है. ईडी के अनुसार 1 नवंबर 2012 को पार्थ और अर्पिता ने बेलघोरिया फ्लैट में कंपनी बनाई, जहां से कैश वसूल किया गया था. दोनों के फोन डेटा भी बरामद किये गये हैं. पूछताछ की जा रही है कि क्या ये कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल थीं, इसलिए दोनों की न्यायिक हिरासत देना जरूरी है. ईडी ने बताया कि अब तक 50 अकाउंट की जांच की जा रही है.
पार्थ के वकील ने कहा कि वे भागेंगे नहीं, वह 72 साल के हैं और बीमार हैं
सुनवाई के क्रम में पार्थ के वकील ने कहा कि वे भागेंगे नहीं. वह 72 साल के हैं और बीमार हैं. कहा कि पार्थ चटर्जी के लिए लगातार दवा की जरूरत होती है. इसलिए हम जमानत मांग रहे हैं. पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि सीबीआई ने मामले में आरोपी को सीधे तौर पर पैसे लेते या मांगते नहीं देखा है. इस मामले में कोई गवाह नहीं है कि पार्थ चटर्जी ने पैसे मांगे हैं. पार्थ चटर्जी का किसी को पैसे के लिए प्रेरित करने का कोई उदाहरण नहीं है. दस्तावेज कहां है. ये सब आरोप हैं. पार्थ चटर्जी का आय से कोई लेना-देना नहीं है.
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