Ranchi: झारखंड विधानसभा में माननीयों ने सदन की मर्यादा को ताक पर रख दिया है. विधानसभा में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि देवघर सिविल सर्जन आरएसएस के एजेंट हैं. इसके जवाब में बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने इरफान अंसारी को ISI का स्लीपर एजेंट कह दिया. इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने इसे असंसदीय हरकत बताया. बाद में स्पीकर ने इसे स्पंज कर दिया. सदन में इरफान अंसारी ने कहा कि बीजेपी ने झारखंड को लूटने का काम किया है. जिस दिन इनकी फाइलें खुलेंगी सदन नहीं आयेंगे सीधा जेल जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब हेमंत सरकार के सभी मंत्री और विधायक जनता की सेवा में लगे थे उस वक्त बीजेपी के विधायक अपने घरों में टीवी देख रहे थे.
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रिम्स से मेडाल को हटायें- समरी लाल
विधायक समरी लाल ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भीड़ बढ़ती जा रही है. इसके दो कारण हैं. पहला कारण ये कि जिले के अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं नहीं हैं. छोटी-मोटी बीमारियों और टेस्ट के लिए वहां के डॉक्टर्स मरीज को सीधा रिम्स रेफर कर देते हैं. दूसरा कारण ये है कि रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. राज्य के मंत्रियों ने कोरोना और दूसरी गंभीर बीमारियों का रिम्स में इलाज करावाया जिससे लोग रिम्स आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि रिम्स के पैथलॉजी डिपार्टमेंट में 17 फैकल्टी हैं, लेकिन फिर भी रिम्स मेडाल के भरोसे है.
स्टोरों में पड़े हैं वेंटीलेटर- लंबोदर
विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा व्यवस्था में बेहतर होने का दावा करती है, लेकिन स्थिति ये है कि 65,632 लोगों पर एक अस्पताल है.8,165 लोगों पर एक डॉक्टर, 2947 लोगों पर एक बेड है. कोविड के लिए राज्य में 642 वेंटीलेटर और 577 आईसीयू बनाये गये थे, लेकिन सिर्फ रांची सदर अस्पताल को छोड़कर बाकी जगहों पर वेंटीलेटर स्टोर में पड़े हुए हैं.
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पदाधिकारी बैठकर करते क्या हैं- प्रदीप
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य के 75 फीसदी बच्चे हायर एजुकेशन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. राज्य में 73 बच्चों पर एक टीचर है जबकि राष्ट्रीय औसत 23 बच्चों पर एक टीचर है. शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों से लोग परेशान हैं. यही कारण है कि शिक्षा विभाग के हजारों केस हाईकोर्ट में हैं. उन्होंने कहा कि मदरसों के माध्यमिक शिक्षा के लिए स्पेशल प्रोग्राम फॉर क्वॉलिटी एजुकेशन इन मदरसा आया था. 2015-16 से केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम में पैसा देना बंद कर दिया है, लेकिन राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए केंद्र को पत्र 19 फरवरी 2021 को भेजा है. आखिर पदाधिकारी बैठकर करते क्या हैं.
अपने गृह जिला में जाने का इंतजार कर रहे हजारों शिक्षक- नीरा यादव
नीरा यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने राज्य में 41 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की थी, लेकिन हेमंत सरकार ने शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया. बीजेपी की सरकार में शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण के लिए प्रस्ताव मांगा था, लेकिन इस सरकार ने इसपर कोई फैसला नहीं लिया है.हजारों टीचर अपने गृह जिला में वापस जाने की बाट जोह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोडरमा में इंजीनियरिंग कॉलेज बनकर तैयार है, लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हुई है. वैसे ही चंदनकियारी में इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए टेंडर और शिलान्यास हुआ जो बाद में रद्द हो गया.
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