Bermo : बोकारो जिले के तेनुघाट जेल में बंद कैदी बुटल सिंह उर्फ क्रांति सिंह की मौत हो गयी है. कैदी की मौत इलाज के दौरान हुई है. बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को कैदी बुटल सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गयी. जिसके बाद उसे तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शम्भू कुमार ने बताया कि बुटल सिंह की तबियत खराब होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मंगलवार को उसका पोस्टमार्टम किया जायेगा. जिसके बाद उसके शव को परिजनों को सौंप दिया जायेगा. पढ़ें – पूर्व JPSCअध्यक्ष अमिताभ चौधरी के निधन पर सीएम हेमंत सोरेन ने जताया शोक, बन्ना गुप्ता ने कहा- अच्छे व्यक्तित्व, हंसमुख छवि के हमेशा याद किया जायेगा
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एक साल में चार विचाराधीन कैदी की हुई मौत
- बता दें कि पिछले एक साल के अंदर कुल चार विचाराधीन कैदियों की मौत हो चुकी है. ताजा मामला 15 अगस्त की है,
जबकि तीन माह पहले 15 अप्रैल को विचाराधीन बंदी बंधु ठाकुर की भी इलाज के दौरान को मौत हो गई थी. बंधु ठाकुर ने बहु के हत्या के आरोप में आठ दिन पहले सरेंडर किया था. इस मामले में मृतक के पुत्र ने जेल प्रशासन और चिकित्सक पर लापारवाही बरतने का आरोप लगाते हुए तेनुघाट ओपी में मामला दर्ज़ कराया था. - इसी प्रकार 28 अगस्त 21 को तेनुघाट में बंद 63 साल के विचाराधीन कैदी निजामुद्दीन अंसारी उर्फ चुगली मियां की अनुमंडलीय अस्पताल में मौत हो गई थी. उसकी तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल लाया गया था. निजामुद्दीन अंसारी हत्या, हत्या के प्रयास, 17-सीएलए एक्ट समेत कई धाराओं के तहत चार साल से बंद था. पुलिस के अनुसार गोमिया प्रखंड के छोटकी सीधाबारा गांव के निजामुद्दीन की गिनती हार्डकोर माओवादी मिथिलेश दा के दस्ते के प्रमुख सदस्यों में होती थी. मृतक निजामुद्दीन के छोटे भाई अयूब अंसारी ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था.
- वहीं 12 अप्रैल 21 को तेनुघाट उपकारा में बंद सीसीएल के पूर्व अधिकारी ओपी सिंह की मौत हो गई थी. वे बोकारो थर्मल थाना कांड संख्या 49/20 के मामले में बंद थे. ओपी सिंह 3 फरवरी को व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार गौरव के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. तत्कालीन जेलर अरुण कुमार शर्मा ने बताया था कि उन्हें कुछ परेशानी महसूस हुई. जिसके बाद पुलिस की निगरानी में उसे इलाज के लिए बोकारो सदर अस्पताल भेजा गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
- वहीं 5 मार्च 19 को नक्सल मामले में बंद तालो मांझी का भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह गोमिया प्रखंड के बड़की चिदरी पंचायत अंतर्गत डंडरा ग्राम के ढोरी गांव का निवासी था. वह 2016 से तेनुघाट कारा में बंदी बन के आया था. तबीयत खराब होने पर उसे भी तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया गया, लेकिन चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया गया. रिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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