Washington : खबर है कि सूर्य पर बने एक सनस्पॉट एआर 3076 के आसपास हुए विस्फोट के बाद सूर्य ने अंतरिक्ष में डार्क प्लाज्मा को रिलीज किया है. यह घटना नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने रिकॉर्ड की. यह सोलर फ्लेयर विस्फोट 14 अगस्त को देखा गया था, जो अब बहुत तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. जान लें कि सूर्य अपने व्यवहार से विज्ञान जगत को चौंका रहा है. लगातार पृथ्वी पर भूचुंबकीय तूफानों के आने का अलर्ट मिल रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है. कहा कि यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है. इस वजह से साल 2025 तक सूर्य में विस्फोट होते रहेंगे. विस्फोट सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की वजह बनेंगे.
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सोलर फ्लेयर पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है
स्पेसवेदडॉटकॉम के अनुसार, 600 किलोमीटर/सेकंड से ज्यादा तेज रफ्तार से आगे बढ़ता हुआ यह सोलर फ्लेयर सूर्य के बाहरी वातावरण में फट गया. इससे एक कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) भी बना. सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेट्री (SOHO) से नयी इमेजेस बताती हैं कि CME का फोकस पृथ्वी की ओर है. अगर इनकी दिशा पृथ्वी की ओर हो, तो हमारे ग्रह पर भू-चुंबकीय तूफान आते हैं, जिससे सैटेलाइट्स व पृथ्वी पर मौजूद पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है.
अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह सोलर फ्लेयर पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है.
स्पेस वेदर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 17 अगस्त को दोपहर बाद एक मध्यम भू-चुंबकीय तूफान आ सकता है. जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं. हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है.
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