Dhanbad : एक दिवसीय देशव्यापी बीमा हड़ताल का हड़ताल का धनबाद में भी असर रहा. धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर बीमा कर्मचारी और कर्मचारी यूनियन सीटू ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया. इससे पहले दोनों संगठनों के सदस्य धनबाद जिला परिषद पर जमा हुए और रणधीर वर्मा चौक तक रैली निकाली. वहां पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया गया. एलआईसी के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर गुरुवार को पूरे देश में हड़ताल की गयी है.
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धनबाद जिले में एलआईसी की आठ शाखाएं रही बंद
बीमाकर्मियों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा एलआईसी का आईपीओ लाने, बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने और वेतन पुनरीक्षण में अत्यधिक देरी होने के खिलाफ यह देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल की गयी है. हड़ताल के कारण गुरुवार को धनबाद जिले में एलआईसी की आठ शाखाएं बंद रहीं.
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सरकार ने बजट में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की थी घोषणा
1 फरवरी 2021 को वित्त मंत्री द्वारा 2021-22 के लिए पेश किये गये बजट में सार्वजनिक कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेच कर 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव किया गया है. इसका कुछ हिस्सा एलआईसी के आईपीओ के माध्यम से भी जुटाया जाना है. इसका पूरे देश भर में जोरदार विरोध हो रहा है.
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40 करोड़ से अधिक लोगों को बीमा सुरक्षा दे रही एलआईसी
एलआईसी का गठन 1956 में हुआ था. उस वक्त एलआईसी की पूंजी केवल 5 करोड़ थी. अब जाकर एलआईसी की कुल पूंजी 32 लाख करोड़ हो गयी है. फिलहाल एलआईसी 40 करोड़ से अधिक लोगों को बीमा सुरक्षा दे रही है.
एलआईसी को बेचना वित्तीय संप्रभुता पर हमला
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि एलआईसी का आईपीओ लाना देश की वित्तीय संप्रभुता पर हमला है. सरकार की देश बेचने की नीति का जोरदार विरोध किया जायेगा और निजीकरण को रोका जायेगा. एलआईसी का आईपीओ लाना घर के जेवर बेचकर खर्च चलाने जैसा है. उम्मीद है कि देशहित के लिए एलआईसी के आईपीओ को रोका जायेगा. संयुक्त मोर्चा के हेमंत मिश्रा ने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं है, बल्कि यह प्रत्यक्ष विदेशी हस्तक्षेप है. सरकार का यह फैसला आम आदमी की बचत को लूटने की साजिश है.
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2017 से लंबित है वेज रिवीजन
एलआईसी और जीआईसी में वेज रिवीजन विगत 1 अगस्त 2017 से लंबित है. सरकार द्वारा अनावश्यक देरी किये जाने का भी हड़ताल में विरोध किया गया. नीरज कुमार ने कहा कि समय पर वेतन पुनरीक्षण मजदूरों का हक है. एलआईसी और जीआईसी में कार्यरत कर्मियों ने कोरोना काल और मंदी के दौर में भी अच्छा काम किया है.
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