Chakradharpur (Shambhu Kumar) : उर्दू भाषा एवं अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों में सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया से नाराज मुस्लिम संगठनों ने मंगलवार को प्रखंड कार्यालय के समीप एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा. धरना कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता सह राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी, मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन चक्रधरपुर के अध्यक्ष मोहम्मद तजम्मुल हुसैन उर्फ जानी मुख्य रूप से उपस्थित हुए. इस मौके पर ने मोहम्मद तजम्मुल हुसैन ने संबोधित करते हुए कहा कि उर्दू भाषा को भारत की बेटी कहा जाता है. उर्दू का जन्म भारत में ही हुआ, लेकिन स्वतंत्रता के बाद सरकारें उर्दू भाषा के साथ न्याय नहीं कर सकी. अब तो आलम ये है कि झारखंड सरकार उर्दू को समाप्त करना चाहती है.
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अल्पसंख्यकों के मामलों में न्यायपूर्ण विचार करने की मांग
इस दौरान वक्ताओं ने कहा स्कूली एवं साक्षरता विभाग बिना जांच किए उर्दू स्कूलों के साथ अन्याय कर रही है. इस सरकार में अल्पसंख्यकों के अधिकार व विकास से जुड़े बोर्ड, निगम, आयोग का गठन नहीं कर रही है. उर्दू स्कूलों में गैर उर्दू शिक्षकों की पदस्थापना एवं उर्दू भाषी के छात्रों को पुस्तकें तक नहीं दे पा रही है. राज्यपाल से उर्दू भाषा एवं अल्पसंख्यकों के अधिकार से जुड़े मामलों में न्यायपूर्ण विचार करने की मांग की गई.
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धरना में यह रहे शामिल
धरना कार्यक्रम में मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन के अलावा अंजुमन तरक्की उर्दू, खिदमत फाउंडेशन, एनएचआरसी, सफ वेलफेयर सोसाइटी, दंदासाई मुस्लिम पंचायत, पोटका मस्जिद कमेटी आदि समर्थन था. इस मौके पर कारी शमशुल हक, हाजी अरशद अहमद खान, हाजी अब्दुल हकीम, मास्टर महफुजूर्रहमान, अंसार अहमद, मोहम्मद शाहिद, अरशद जावेद, बैरम खान, तौसीफ इकबाल, अमजद खान, मोहम्मद नईम, शकील अहमद खान, अब्बास अली, मोहम्मद नौशाद, शाह आजम, कमरूल शेख, मनाउर रहमान नूरी, फिरोज खान, इरफान खान समेत अन्य मौजूद थे.