- गया-पटना और आसपास के सभी एयरपोर्ट से लंबा होगा रनवे
- रूटों की अनुमति मिलते ही शुरू होगी विमान सेवा
- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता की मिल सकती है फ्लाइट
रघुनाथ झा
Ranchi: देवघर में बननेवाला एयरपोर्ट झारखंड का सबसे लंबा एयरपोर्ट होगा. यह रांची एयरपोर्ट के रनवे से लंबा तो होगा ही, साथ ही गया-पटना और आसपास के एयरपोर्ट से भी लंबा होगा. इसकी खासियत की वजह से यहां एयरबस ए-320 और 321 और बोइंग के बड़े श्रेणी के विमान भी आराम से उड़ान भर सकेंगे. देवघर एयरपोर्ट लगभग बन चुका है. इसके 90 फीसदी से भी अधिक कार्य पूरे हो चुके है. अप्रैल माह में इस एयरपोर्ट से देश के घरेलू उड़ानों को शुरू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है.
देवघर से मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता के लिए विमान सेवाएं शुरू करने के लिए एयर एशिया और स्पाइस जेट ने प्रयास शुरू कर दिये हैं. एयरपोर्ट में अभी यात्री सुरक्षा और सुविधाओं के लिए कार्य किये जा रहे हैं. एयरपोर्ट का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एयरपोर्ट अथॉरिटी मुख्यालय की सीधी निगरानी में यहां तेजी से कार्य हो रहे हैं.
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तीन हजार मीटर का रनवे
देवघर एयरपोर्ट का रनवे करीब तीन हजार मीटर का होगा. जबकि रांची एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई इससे करीब 250 मीटर कम है. यहां की रनवे की लंबाई 2,748 मीटर की है. जबकि झारखंड से बाहर बिहार के पटना और गया एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई भी इससे कम है. इस वजह से इन एयरपोर्ट पर एयरबस-ए 321 श्रेणी के विमान को उतारने में परेशानी को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया.
उड़ान को लेकर शुरू हुआ था निर्माण
देश में केंद्र सरकार की योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) को झारखंड के शहरों में शुरू करने को लेकर देवघर एयरपोर्ट को बनाने का काम शुरू हुआ. एयरपोर्ट बन जाने के बाद यहां से देवघर के नजदीकी शहर के साथ बड़े महानगरों के बीच भी उड़ानें शुरु होंगी.
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राज्य का तीसरा एयरपोर्ट
यहां से विमान सेवा शुरू होने पर यह झारखंड का घरेलू उड़ानों वाला तीसरा एयरपोर्ट होगा. रांची एयरपोर्ट और टाटा के सोनारी एयरपोर्ट के बाद यह राज्य का तीसरा ऐसा एयरपोर्ट होगा जहां से घरेलू उड़ानें शुरू होंगी. फिलहाल सोनारी से घरेलू उड़ानें बंद हैं.
साल में तीन करोड़ यात्री
बाबा-नगरी होने के कारण साल भर में यहां तीन करोड़ से अधिक यात्री आते हैं. यहां तीर्थ होने के साथ-साथ कई बड़े आश्रम हैं. यहां से केवल 65 किमी दूर पारसनाथ का तीर्थ हैं. जहां सालों भर लोग आते हैं. इसके अलावा पास में गिरिडीह की खदानें हैं. संताल परगना और आसपास के क्षेत्रों के लिए यह महत्वपूर्ण एयरपोर्ट होगा.
कार्गो से होगा कृषि उत्पादों को लाभ
आस-पास के किसानों के स्थानीय कृषि उत्पादों का कारोबार सुगम होगा. कृषि उत्पादों के लिए यहां से विमान सेवा शुरु होने के साथ ही कार्गो सेवा भी शुरू की जाएगी. उड़ान शुरू करने वाली कंपनियां इसके लिए कार्गां ऑफिस खोलने की तैयारी कर रही हैं. इससे यहां और आसपास के अन्य उत्पाद को भी महानगरों में बाजार मिलेगा.
रूट की अनुमति मिलने के बाद शुरु होगी उड़ान
देवघर एयरपोर्ट का निरीक्षण कर लौटे रांची के निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि यह रांची एयरपोर्ट के रनवे से लंबा है. इसका 90 फीसदी कार्य पूरे हो चुके हैं. निर्माण पूरा होते ही यहां से घरेलू उड़ानें शुरू होंगी. रूट कौन सा होगा यह तो अनुमति मिलने के बाद ही कहा जा सकता है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता आदि के लिए जो भी स्लॉट उपलब्ध होंगी, वही मिल सकती हैं.
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