Saurav Singh
Ranchi : लेवी नहीं तो विकास नहीं, अपराधियों उग्रवादियों और नक्सलियों का यह कथन समय-समय पर झारखंड में चरितार्थ होता रहा है. दो दशक से अपराधी उग्रवादी और नक्सली संगठन चलने वाली विकास योजनाओं में हिस्सेदारी की मांग करते रहे हैं. लेवी नहीं मिलने पर हत्या और आगजनी की घटनाओं को लगातार अंजाम देते रहे हैं. हर बार पुलिस घटना के अनुसंधान करने और विकास योजना को पूरा कराने के लिए संवेदकों को भरोसा दिलाती रही है. कभी-कभी निर्माण स्थल पर पुलिस कैंप भी करती रही है.
लेकिन मौका पाकर अपराधी और उग्रवादी सड़क निर्माण में लगे मुंशी और मजदूरों की जान से खेलते रहे हैं. मुंशी और मजदूर की हत्या के पीछे संवेदक पर दबाव बनाना और दहशत का माहौल पैदा कर ग्रामीणों को विकास योजनाओं से दूर करना रहा है.
लेवी के लिए फैलायी जा रही दहशत
विकास योजनाओं को पूरा करने में लगी कंपनियों के बीच आपराधिक, उग्रवादी और नक्सलियों के द्वारा दहशत पैदा की जाती है. कभी काम में लगे वाहनों को जलाकर, तो कभी कंपनी के मुंशी और मजदूरों की हत्या करके दबाव बनाया जाता है और दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है. बीती रात चतरा के पिपरवार में उग्रवादियों ने तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा बीते महीने 24 जनवरी को बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तुलबुल पंचायत में नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया था.
इलाके के लुगू की तलहटी पिंडरा गांव के पास टूटी झरना के समीप नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी कंपनी की एक जेसीबी और ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था. जबकि पिंडरा निवासी मुंशी रमेश मांझी को गोली मार दी थी. मुंशी की हत्या के पीछे भी लेवी की ही कहानी है.
वाहनों में की जा रही है आगजनी
पुलिस मुख्यालय भी इस सच्चाई से वाकिफ है कि उग्रवादी संगठन सरकार की ओर से गांव के विकास के लिए दी जा रही योजनाओं से ही फल-फूल रहे हैं. सुदूरवर्ती ग्रामीण और जंगली इलाके में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण, ग्रामीण विद्युतीकरण और सिंचाई योजनाओं को पूरा करने और लौह अयस्क, कोयला के अलावा बॉक्साइड खनन कार्य में लगी निर्माण कंपनियों से लगातार उग्रवादी योजना की राशि के अनुरूप एक हिस्सा मांगते हैं.
निर्माण कार्य में लगे कई ठेकेदार नक्सलियों से सांठगांठ कर सफलतापूर्वक काम कराकर बाहर निकल जाते हैं. लेकिन कुछ संवेदक उग्रवादियों को रंगदारी देने से इंकार कर देते हैं. जिसका अक्सर रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए नक्सलियों द्वारा वाहनों को आग के हवाले कर दिया जाता है. इस तरह की घटनाओं से निर्माण कार्य में लगी कंपनियों को करोड़ों का नुकसान होता है.
नक्सलियों पर भारी पड़ रही पुलिस, हौसले हो रहे पस्त
साल 2020 को झारखंड पुलिस के लिए अब तक अच्छा माना जा रहा है. इस वर्ष अब तक पुलिस और नक्सली दर्जनों बार से ज्यादा आमने-सामने हुए. लेकिन हर वक्त पुलिस ही नक्सलियों पर भारी पड़ी. पिछले साल की तुलना में पुलिस की स्थिति इस वर्ष अच्छी दिख रही है. पिछले वर्ष नक्सलियों ने पुलिस पर सुनियोजित तरीके से कई हमले किये, जिनमें अलग-अलग घटनाओं में 14 जवान शहीद हो गये थे. इस साल अबतक की बात करें तो झारखंड पुलिस के एक जवान शहीद हुए हैं. इसके अलावा मुठभेड़ में पुलिस ने नौ नक्सलियों को मार गिराया है. वहीं 16 नक्सली इस वर्ष सरेंडर कर चुके हैं.
लेवी नहीं मिलने पर बड़ी-बड़ी घटनाओं को दिया गया अंजाम
3 जनवरी 2020: हजारीबाग जिले में नक्सलियों ने छह वाहनों में आग लगा दी थी. जिले के केरेडारी और पिपरवार पुलिस थानों के बीच स्थित कारीगर नदी पर एक पुल के निर्माण से जुड़े एक निजी कंपनी के कैंप कार्यालय पर 20 से 25 नक्सलियों ने हमला किया था.
24 जनवरी 2020: बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तुलबुल पंचायत में नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया था. इलाके के लुगू की तलहटी पिंडरा गांव के पास टूटी झरना के समीप नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी कंपनी के एक जेसीबी और ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था. और पिंडरा निवासी मुंशी रमेश मांझी को गोली मार दी थी.
12 फरवरी 2020: गुमला पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन के सदस्यों ने बांसडीह बाघ बोड़ा के पास सड़क निर्माण में लगे जेसीबी को आग के हवाले कर दिया था.
17 फरवरी 2020: गुमला जिला के घाघरा और गढ़वा जिला से सटे छत्तीसगढ़ सीमा पर उग्रवादियों ने जमकर उत्पात मचाया. इस क्रम में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
17 फरवरी 2020: लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के ऊपर तुरियाडीह में माओवादी दस्ते ने पुलिया निर्माण में लगे स्टोन ब्रेकर पोकलेन को फूंक डाला था.
9 मई 2020: पलामू जिला अंतर्गत पीपरा थाना क्षेत्र के चपरवार स्थित एनएच 98 से सटे सिद्धार्थ स्टोन क्रेशर प्लांट में खडे़ 13 वाहनों में नक्सलियों ने आग लगा दी. इसमें 8 हाइवा, 3 टेलर, 1 लोडर और 1 बारह चक्का ट्रक शामिल थे.
1 जून 2020: गुमला जिले के पालकोट और सुरसांग थाना क्षेत्र के सीमा में स्थित लव खम्मन टोली में हथियार बंद उग्रवादियों ने सड़क निर्माण कार्य में लगी एक जेसीबी मशीन, एक पानी टंकी मशीन, एक रोलर, एक ग्राइंडर मशीन और एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था.
3 जून 2020: लोहरदगा में लंबे समय बाद नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी. जिले के सुदूरवर्ती किस्को थाना क्षेत्र के पाखर बॉक्साइट माइंस में बीकेबी और बालाजी कंपनी के 11 वाहनों में आगजनी की गयी थी.
15 अक्टूबर 2020: चतरा के पिपरवार स्थित बचरा रेलवे साइडिंग में पीएलएफआइ उग्रवादी ने तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया.