Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) पर्यूषण पर्व जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा त्योहार है. यह प्रत्येक वर्ष तीन बार आता है, पर मुख्यतः यह पर्व भादो महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. दसलक्षण के तहत दस दिनों में दस धर्म की पूजा होती है ये दस धर्म हैं क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, संयम, शौच, तप, त्याग, आकिंचन्यऔर ब्रह्मचर्य. इस पर्व में बहुत से लोग उपवास भी रखते हैं.
पर्व के दौरान अधिकतर जैन धर्मावलंबी बाहर का और रात्रि भोजन नहीं करते हैं. धनबाद में भी प्रत्येक वर्ष पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. हर वर्ष कुछ लोग 10दिन का निर्जला उपवास भी रखते हैं. धैया जैन मंदिर के पंचकल्याणक महा महोत्सव के बाद प्रथम पर्यूषण पर्व मंदिर में बहुत धूम धाम से मनाया जाएगा, जो 31 अगस्त से प्रारम्भ होकर 11 सितम्बर को क्षमावणी के साथ संपन्न होगा. दस दिनों तक विधिवत पूजा, प्रवचन को सम्पन्न कराने के लिए सांगानेर जयपुर से ब्रह्मचारी पारस भैया आ रहे हैं. इन दस दिनों में प्रतिदिन प्रातः 7 बजे अभिषेक, शांतिधारा और सामूहिक पूजन होगा और संध्या 7 बजे से महा आरती प्रारम्भ होगी. इसके बाद प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. पर्व के अंतिम दिन 11 सितम्बर को क्षमावणी ( विश्व क्षमा दिवस ) के रूप में मनाएंगे. इस दिन जैन धर्मावलंबी अपने सभी रिश्तेदारों, मित्रों, परिचितों से जाने अनजाने में हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिए क्षमा मांगते हैं.
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