Dhanbad. नन लैंग्वेज विषयों की परीक्षा हिंदी या अंग्रेजी छोड़ कर उर्दू, बांग्ला या अन्य भाषाओं में लिखने को लेकर उठे विवाद का अंत करते हुए बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा बोर्ड की बैठक के बाद साफ कर दिया है कि अब विद्यार्थियों को केवल अंग्रेजी या हिंदी भाषा में ही नन लैंग्वेज विषयों की परीक्षा लिखनी होगी. यह जानकारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुमन कुमार वर्णवाल ने दी. उन्होंने बताया कि इस बार विद्यार्थियों को राहत दी गई है. इस बार जिन विद्यार्थियों ने उर्दू या बांग्ला भाषा में परीक्षा लिखी है, उनकी कॉपी को जांच कराने की जिम्मेवारी सम्बंधित विषय के विभागाध्यक्ष को दी गई है. इन विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन विवि के परीक्षा विभाग में कराया जाएगा. वे इसके लिए उर्दू या बांग्ला के विभागाध्यक्ष की मदद लेंगे. ये शिक्षक छात्रों द्वारा लिखे गए उत्तर को पढ़कर सुनाएंगे. इसी के आधार पर ऐसी उत्तरपुस्तिकाओं पर संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा अंक दिए जाएंगे.
रोका गया था 80 विद्यार्थियों का रिजल्ट
उर्दू और बांग्ला में उत्तर पुस्तिका लिखने के विवाद में पहले परीक्षा विभाग ने यूजी सेम वन के ऐसे 80 विद्यार्थियों का रिजल्ट रोकने का फैसला किया था. जिन्होंने अपनी नन लैंग्वेज पेपर की परीक्षा उर्दू या बांग्ला भाषा में लिखी थी. लेकिन विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए इस बार उन्हें छूट दी गई है. लेकिन, अगली बार से इस नियम का कड़ाई के साथ पालन किया जाएगा. यह निर्णय 29 अगस्त को प्रति कुलपति डॉ. पीके पोद्दार की अध्यक्षता में हुई परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया.
एमबीबीएस की परीक्षाओं का प्रश्न पैटर्न बदलने का भी निर्णय
परीक्षा बोर्ड ने डीन मेडिसिन के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए एमबीबीएस परीक्षा के प्रश्न पैटर्न बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बदलाव के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर निर्देश जारी किया गया था. अब प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल से पास करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जल्द ही 230 सीटों के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट भी जारी करने का निर्णय लिया गया है. बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ देवजानी, सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष व परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुमन कुमार वर्णवाल थे.
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