Saurav Singh
Ranchi : लगातार. इन और शुभम संदेश के खबर पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लिया है. लगातार. इन और शुभम संदेश ने 13 सितंबर को प्रकाशित अपने अखबार में छापा था कि “ना प्रशासन की कार्रवाई का डर और न एनजीटी व सीएम के आदेश का असर सूबे के घाटों से बेरोकटोक उठ रहे हैं बालू” इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लेते हुए राज्य के 14 जिले के एसएसपी व एसपी से रिपोर्ट मांगी है. जिन जिले के एसएसपी व एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है, उनमें देवघर, पाकुड़, पलामू, गढ़वा, सरायकेला, चाईबासा, हजारीबाग, रांची,जमशेदपुर, लातेहार,धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और रामगढ़ जिले के एसएसपी व एसपी शामिल है. पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट मांगते हुए कहा है, स्थानीय दैनिक समाचार पत्र शुभम संदेश में अवैध बालू कारोबार को लेकर छपी खबर के मामले में प्रतिवेदन अभिलंब पुलिस मुख्यालय रांची को उपलब्ध कराया जाये. पढ़ें – 1932 के खतियानधारी ही स्थानीय, अवैध बालू कारोबार पर कसेगा नकेल, शराब विक्रेता की मनमानी, मारू की टीम में सेंधमारी समेत कई बड़ी खबरें पढ़ें अपने प्रिय अखबार शुभम संदेश के आज के अंक में
बालू का अवैध खेल करोड़ों का घालमेल
हर साल की तरह इस वर्ष भी मानसून की अवधि के दौरान नदियों से बालू उठाव पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रोक लगाई हुई है. यह रोक इस वर्ष 10 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक है. मगर झारखंड के लगभग सभी जिलों में अवैध रूप से घाटों से बालू का उठाव जारी है. सीएम हेमंत सोरेन ने भी बालू के अवैध कारोबार को लेकर सभी जिला प्रशासन को कार्रवाई का आदेश दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हर दिन तकरीबन सभी जिलों से बालू लदे वाहन पकड़े जा रहे हैं. इससे सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है. वहीं बालू माफिया पर्यावरण से खिलवाड़ करते हुए नदियों का सीना छलनी कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं. इसको लेकर शुभम संदेश की टीम ने राज्य भर के बालू घाटों पर चल रहे अवैध कारोबार का जायजा लिया था, जिस पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लिया है.
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