Ranchi : हेमंत सरकार कैबिनेट द्वारा झारखंड में 1932 के खतियान को स्थानीयता का आधार बनाये जाने और ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के फैसले पर मुहर लगाने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर तेज हो गयी है. इस मुद्दे पर स्वागत के स्वर तो सुनाई दे ही रहे हैं, पर साथ में बहस और सवालों का दौर भी जारी हो गया है.आदिवासी और मूलवासियों ने जहां फैसले का स्वागत किया है. वहीं लोगों ने कई सवाल उठाते हुए इस फैसले पर पुनर्विचारि करने की बात कही है. उनका कहना है कि राज्य में जन्म लेने वाले भूमिहीन लोगों के मामले पर भी सरकार को विचार करना चाहिए. सबकी राय लेनी चाहिये.
इसे भी पढ़ें – बेगूसराय गोलीकांड : चारों आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मंगलवार को 30 किलोमीटर तक की थी गोलीबारी
Subscribe
Login
0 Comments