Kiriburu (Shailesh Singh) : मनोहरपुर प्रखंड के दीघा पंचायत अंतर्गत कुमडीह गांव के समीप प्राकृतिक जल श्रोत अथवा नदी पर तीन स्पैन का पूल बनकर तैयार होने से कुमडीह समेत सारंडा के विभिन्न गांव के ग्रामीणों में खुशी है. लेकिन दूसरी तरफ पुलिया के एक किनारे की ढलाई झुकी होने की वजह से इसके अस्तित्व को लेकर भय भी है. ग्रामीण इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं यह पुलिया भ्रष्टाचार व तकनीकी गलतियों की वजह से समय से पूर्व टूट न जाए. उल्लेखनीय है कि कुमडीह गांव के बगल नदी पर स्थित पुरानी पुलिया दो वर्ष पूर्व हुई भारी वर्षा की वजह से टूट गई थी. इसके टूटने के बाद कुमडीह गांव का संपर्क अन्य गांवों से कट गया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने इस पुलिया का निर्माण निविदा के जरिए करवाया.
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पुलिया के ऊपर से बिजली का तार गुजरने के कारण बड़ा वाहनों का परिचालन बंद
इस पुलिया का निर्माण होने से किरीबुरू, मेघाहातुबुरु, होंजोरदिरी, कुमडीह, कुदलीबाद, कोलायबुरु आदि अनेक गांव आपस में जुड़ गए हैं. हालांकि अभी इस पुलिया के ऊपर से बडे़ वाहनों का परिचालन नहीं हो पा रहा है. क्योंकि पुलिया के ऊपर से बिजली का तार गुजरा है. ऐसे में वाहन के गुजरने से करंट लगने का खतरा है. करंट प्रभावित बिजली तार जब तक नहीं हटाया जाता है, तब तक सुरक्षित आवागमन प्रारंभ करना मुश्किल है. वहीं, कुमडीह गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जब पुलिया के ऊपरी बींब की ढलाई हो रही थी, तभी तेज आवाज हुई थी. उस समय समझ नहीं आया था कि इसकी वजह क्या है.
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लेकिन जब पुलिया बन गई तो पाया गया कि जिस हिस्से से तेज आवाज आयी थी उस हिस्से का बींब टेढ़ा है. जो भविष्य में कभी भी टूट सकता है. विभागीय अधिकारी को इस तकनीकी गड़बड़ी की जांच कर लेनी चाहिये, ताकि भविष्य में बड़ी घटना न घटे. क्योंकि बरसात के समय पहाड़ों से तेज रफ्तार से उतरने वाली पानी तमाम नदी-नालाें को भारी ऊफान पर बहने को विवश कर देती है. ऐसे में बड़ी घटना घटने की संभावना बनी रहती है.
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