Ghatshila (Rajesh Chowbey) : घाटशिला में स्थानीय कमेटी के सदस्य तथा श्रद्धालु अपने कंधे पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन लगभग 5 किलोमीटर परिक्रमा कर स्वर्णरेखा नदी अमाईनगर घाट पर करते है. इस परंपरा का निर्वाह करने के लिए माता की संयुक्त रुप से प्रतिमा बनाई जाती है. इसमें गणेश, मां लक्ष्मी , स्वरस्वती, कार्तिकेय एवं माता की भव्य प्रतिमा बनाई जाती है. कशिदा विक्रमपुर और तामकपाल दुर्गा पूजा कमेटी घाटशिला के वर्तमान अध्यक्ष चंचल सरकार ने बताया कि यहां वर्ष 1947 में तामकपाल निवासी बडोदा प्रसन्न पाईन जो तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री के पद पर थे उन्होंने इस पूजा का शुभारंभ किया था. 75 साल से यहां पर पूजा होते आ रही है. दो वर्ष संक्रमण के कारण पूजा धूमधाम से नहीं हुई थी.
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मंडल परिवार ने पूजा के लिए जमीन दिया है दान में
पूजा कमेटी द्वारा दुर्गा पूजा मां दुर्गा के मंडप में किया जाता है जिसके कारण 35 गुणा 45 स्क्वायर फीट का छोटा पंडाल बनाया जा रहा है. यहां मेला नहीं लगता है. घाटशिला प्रखंड ही नहीं अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 5000 से अधिक लोगो की भीड़ जुटती है. इस वर्ष पूजा कमेटी ने छह लाख से ऊपर का बजट तैयार किया है. अध्यक्ष चंचल सरकार ने बताया कि मंडल परिवार ने पूजा कमेटी को 36 डिसमिल जमीन दान में दिया है.
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इस वर्ष धूमधाम से की जा रही है पूजा
कोविड-19 संक्रमण के बाद इस वर्ष धूमधाम से पूजा की जा रही है. इसके कारण लगातार तीन दिन सप्तमी को खिचड़ी, खीर, सब्जी, पापड़ तथा बुंदिया का महाभोग वितरण किया जाता है. इसके अलावा अष्टमी और नवमी को भी महाप्रसाद का वितरण किया जाता है.
कमेटी में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष सुजय सिंह, दिलीप सील, अशोक पाल, महासचिव सागर पानी, शिवाजी चटर्जी, अरूप मन्ना, सब्यसाची चौधरी, कोषाध्यक्ष वापीन चौधरी, उत्तम सिन्हा सहित काफी संख्या में कमेटी के सलाहकार तथा सदस्य बनाए गए हैं.
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