Nagpur : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुथवार को दशहरा कार्यक्रम में कहा कि धर्म आधारित जनसंख्या का असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है. आज हिंदू राष्ट्र की अवधारणा की चर्चा हर तरफ हो रही है. कई लोग हिंदू राष्ट्र की अवधारणा से सहमत हैं, लेकिन ‘हिंदू’ शब्द से उनका विरोध है. वे हिंदू की बजाय दूसरे शब्द के उपयोग पर बल देते हैं. हमें इस बात से कोई विरोध नहीं है. लेकिन हम हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर बल देते रहेंगे, ताकि स्पष्टता रहे. मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या का असंतुलन सही नहीं है. जन्म दर में अंतर से बल द्वारा धर्मांतरण होता है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला संतोष यादव उपस्थित हैं. गौरतलब है कि 1925 में दशहरे के मौके पर ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई थी.
महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करने की जरूरत
मोहन भागवत ने कहा- हमें महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करने की जरूरत है. साथ ही हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम महिलाओं को अपने निर्णय स्वयं लेने की स्वतंत्रता दें और उन्हें सशक्त बनायें. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि महिला-पुरुष के बिना समाज का निर्माण संभव नहीं है. हमारा मातृ शक्ति को प्रबुद्ध और सक्रिय बनाने पर हमारा जोर है.
दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. हमने लंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की. यूक्रेन में अमेरिका और रूस की लड़ाई में हमने अपने हित को सबसे आगे रखा. भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम लगातार सफल होते जा रहे हैं और स्वावलंबी होते जा रहे हैं. इस नवोत्थान की आहट सुनकर हम भी प्रसन्न हो रहे हैं.
संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजा का आयोजन
विजयादशमी की परंपरा अनुसार राष्ट्रीय स्वयं संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजा का आयोजन किया गया . इस मौके पर यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित हैं.
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली संतोष यादव मुख्य अतिथि
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला संतोष यादव उपस्थित रहीं. गौरतलब है कि 1925 में दशहरे के मौके पर ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई थी, उसके बाद से आज तक विजयादशमी पर संघ कार्यालय में शस्त्र पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.