Deoghar : शरद पूर्णिमा के अवसर पर बाबा मंदिर में 9 अक्टूबर को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. घंटों कतारों में खड़े रहने के बाद श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया. शरद पूर्णिमा का धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व है. इस रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होती है. पौराणिक मान्यता है कि रात के समय चंद्रमा से अमृत वर्षा होती है. रात के समय दूध से तैयार खीर खाने का विधान है. खीर पकाने के बाद उसे खुले आसमान में किसी फल के साथ रख दिया जाता है. अमृत वर्षा का अंश खीर में पड़ता है. उस खीर के खाने से अमृत की प्राप्ति होती है. शरद पूर्णिमा के दिन बाबा मंदिर में मां लक्ष्मी की भी पूजा होती है. श्रद्धालुओं को विश्वास है कि इस दिन जलाभिषेक करने से बाबा भोलेनाथ कृपा करते हैं.
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