Hazaribagh: जिले में लगातार हो रही पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर प्रेस क्लब हजारीबाग का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को एसपी चोथे मनोज रतन से मिला. एसपी से कोर्रा व गोरहर थाना पुलिस की ओर से पत्रकार के खिलाफ बगैर जांच-पड़ताल किए की गई एकतरफा कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा गया कि पुलिस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रही है. पत्रकार के पक्ष को दरकिनार कर विरोधी पक्ष के आरोप को सत्य मानकर अनुसंधानकर्ता व पर्यवेक्षक एकतरफा अनुसंधान व पर्यवेक्षण की कार्रवाई कर परेशान कर रही है. जमीन विवाद से जुड़े मामले को आपराधिक मामला बना दिया जा रहा है.
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प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इंस्पेक्टर व डीएसपी स्तर से पर्यवेक्षण रिपोर्ट एसपी कार्यालय को देने के बाद अनुसंधानकर्ता पत्रकार और उनके परिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. गोरहर और कोर्रा थाना पुलिस ने एक कुख्यात अपराधी की तरह दो पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस पर एसपी ने सभी मामलों पर संज्ञान लेते हुए संबंधित थाना प्रभारियों को इस तरह के मामलों में एसपी का पर्यवेक्षण रिपोर्ट व निर्देश मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. एसपी ने कहा कि उनके संज्ञान में कुछ मामले नहीं आने के कारण इस तरह की कार्रवाई होती है. कुछ ऐसे मामले हैं जिसकी जानकारी नहीं होने के बावजूद उनके नाम का कुछ कनीय पुलिस अधिकारी इस्तेमाल कर रहे हैं, जो गलत है. प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब हजारीबाग के अध्यक्ष उमेश प्रताप, सचिव मिथिलेश मिश्रा, संयुक्त सचिव देवनारायण, नवीन सिन्हा, कार्यकारिणी के सदस्य बबलू कुमार, शमीम अहमद और जयनारायण शामिल थे.
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