Pakur : सदर प्रखंड स्थित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कालिदासपुर में बंद पड़े खदान में 12 अक्टूबर को नहाने के क्रम में डूबे शील मुर्मू का शव चौथे दिन 15 अक्टूबर को खदान में तैरता मिला. ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने एनडीआरएफ की टीम की मदद से शव को बाहर निकाला. पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सोनाजोड़ी सदर अस्पताल भेज दिया. शव मिलने के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. कुछ दिन पहले ही मृतक की शादी हुई थी.
देर से जागा प्रशासन
शव मिलने के बाद ग्रामीण प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल उठा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि युवक की खोज़बिन के लिए प्रशासन देर से जागा. शुरुआती तीन दिनों तक स्थानीय गोताखोर अपने स्तर से खोजबिन में लगे थे. 15 अक्टूबर को प्रशासन की नींद खुली और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. टीम के पहुंचने से पहले ही लाश खदान में तैरती नज़र आई.
खदानों की घेरेबंदी की मांग
लोगों का कहना है जिले में पत्थर खनन के बाद 90 प्रतिशत से ज़्यादा खदानों को खाली छोड़ दिया गया. जबकि खदानों के लीज़ के समय ही विभाग खदान की घेरेबंदी और पेड़ लगाने की हिदायत देता है. खदान की घेरेबंदी रहती तो शायद शील मुर्मू की जान नहीं जाती. अब भी खदानों में ऐसी अनहोनी की संभावना बनी हुई है.
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