Amit Singh
Ranchi : राजधानी सहित प्रदेश भर में सप्लाई वाटर पीने वाले सावधान हो जाये. क्योंकि आपके पीने का पानी बैक्टीरिया फ्री और शुद्ध है. यह वाटर सप्लाई के पहले बताना कोई भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में नही है. प्रदेश के 24 जिलों में से मात्र छह जिलों में ही वाटर टेस्टिंग लैब संचालन हो रहा है. एक भी लैब में स्थायी कर्मी नहीं है. इन सभी लैब में कॉनट्रेक कर्मी काम देख रहे है. जिनका कार्यकाल भी 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों के सभी टैप वाटर कन्ज्यूमर को शुद्ध और बैक्टीरिया फ्री पानी मिल रहा है, पेयजल विभाग का यह दावा खोखला साबित हो रहा है.
पेयजल विभाग प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के मुख्य अभियंता संजय झा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में लैब के संचालन और अपडेट करने की योजना पर काम चल रही है. छह जिलों में कॉनट्रेक पर अभी लैब संचालन का काम सौपने के लिए निविदा आमंत्रित किया गया है. इसके बाद और छह लैब में नियुक्ति और लैब संचालन के लिए कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. लोगों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराना पेयजल विभाग की जिम्मेवारी है.
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प्रदेश के सभी वाटर लैब में कुल 118 पद रिक्त है, कॉनट्रेक पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
राज्य के सभी वाटर टेस्टिंग लैब में मैनपावर रखा जाना है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इसके लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है. कुल 118 पदों पर बहाली की जानी है. इनमें केमिस्ट (क्वालिटी, टेक्निकल मैनेजर), माइक्रोबायोलॉजिस्ट, लैब एनालिस्ट, लैब असिस्टेंट, लैब अटेंडेंट, स्टोर एग्जीक्यूटिव, सैंपल रिसीवर सहित अन्य पोस्ट शामिल हैं.
छह लैब के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों से मांगी गयी है मदद
वर्तमान में राजधानी स्थित एक स्टेट लैब और छह अन्य लैब में मैनपावर की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर होनी हैं. इस नियुक्ति करने के लिए आउटसोर्स कंपनियों से मदद मांगी गयी है. इसके लिये टेंडर भी जारी किया गया है. जो भी कंपनियां इसमें इच्छुक होंगी, उन्हें पीएमयू (प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट, पेयजल विभाग) में चीफ इंजीनियर के पास आवेदन करना होगा.
कंपनी उपलब्ध करायेगी मैनपावर, लैब में करेंगे योगदान
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुसार राज्य में एक राज्य स्तरीय वाटर टेस्टिंग लैब है. इसके अलावा ससब डिवीजनल स्तर पर छह लैब अभी संचालित है. जो भी मैनपावर कंपनी उपलब्ध करायेगी, उन्हें इन्हीं लैबों में वाटर टेस्टिंग संबंधी कामों में लगाया जायेगा. कंपनी जिनका चयन करेगी, उन्हें इएसआइ और जीपीएफ तथा अन्य सुविधाएं भी देगी.
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राज्य स्तरीय लैब के लिए इनकी है जरूरत
पेयजल विभाग के अनुसार राज्य स्तरीय वाटर टेस्टिंग लैब में अलग अलग पदों के लिये 9 लोगों की जरूरत है. इनमें केमिस्ट (क्वालिटी मैनेजर), केमिस्ट (टेक्निकल मैनेजर), माइक्रोबायोलॉजिस्ट, लैब एनालिस्ट, लैब असिस्टेंट, लैब अटेंडेंट, स्टोर एग्जीक्यूटिव, सैंपल रिसीवर और सैंपल टेकर (हेल्पर) के पदों पर योग्य लोगों को रखा जायेगा. इन सभी पदों के लिये 1-1 पद निर्धारित किया गया है
जिला स्तर के लिये 99 पोस्ट
राज्य के 6 जिलों में हर लैब में 5-5 लोगों की आवश्यकता है. हजारीबाग, मेदिनीनगर, दुमका, धनबाद, साहिबगंज और जमशेदपुर के लैबों में केमिस्ट (माइक्रोबायोलॉजिस्ट, क्वालिटी मैनेजर), केमिस्ट (माइक्रोबायोलॉजिस्ट, टेक्निकल मैनेजर), लैब असिस्टेंट, सैंपल रिसीवर और सैंपल टेकर (हेल्पर) को रखा जाना है.
इसके अलावा गढ़वा, चतरा, पश्चिमी सिंहभूम (चाइबासा), गिरिडीह, रामगढ, देवघर के लैबों में भी इन्हीं पदों पर नियुक्ति की जानी है. इन जिलों में हरेक लैब के लिये 6 पद तय किये गये हैं. राज्य के बाकी 11 जिलों में केमिस्ट (माइक्रोबायोलॉजिस्ट), लैब, असिस्टेंट और सैंपल टेकर के 3-3 पदों पर यानि कुल 33 पदों पर सेलेक्टेड लोगों से काम लिया जायेगा.
सब डिवीजनल स्तर पर भी टेस्टिंग सुविधा
पेयजल विभाग राज्य में सब डिवीजनल स्तर पर भी वाटर टेस्टिंग लैब संचालित करने लगा है. पांकी, नगर उंटारी, बरवाडीह, पतरातू और राजमहल में भी स्थानीय लोग इसका लाभ उठा रहे हैं. विभाग इन पांचों जगहों के लैब के लिये एक-एक केमिस्ट (माइक्रोबायोलॉजिस्ट) और एक-एक सैंपल टेकर की सेवायें लेगा.
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