Bokaro : सदर अस्पताल में डायलिसिस विभाग अलग है. उसका संचालन अस्पताल के दूसरी मंजिल पर होता है. इसके लिए एजेंसी तय की गई है. यहां वैसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज़ होता हैं, जिन्हे डायलिसिस की जरूरत होती हैं. डायलिसिस विभाग में डॉक्टर नदारद रहते हैं. टेक्नीशियन से ही काम लिया जा रहा है. जबकि एमओयू के बिना डॉक्टर के हस्ताक्षर संभव नहीं है. विभागीय अधिकारियों की माने तो महिला चिकित्सक की तैनाती की गई है. बावजूद सबकुछ टेक्नीशियन के भरोसे ही चल रहा है.
15 दिन से ठप है विद्युत आपूर्ति
डायलिसिस के लिए विद्युत कनेक्शन अलग से दिया गया है. ट्रांसफार्मर भी अलग लगाए गए हैं. लेकिन पिछले 15 दिनों से तार जल जाने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन जेनरेटर का उपयोग कर रहा है.
जानकारी देने से इंकार
डायलिसिस विभाग के प्रबंधक दीपनारायण गोप ने गोपनीयता का हवाला देते हुए कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया. टेकनीशियन द्वारा डायलिसिस के सवार पर उन्होंने इसे सिस्टम का पार्ट बताया.
अस्पताल उपाधीक्षक दे रहे गोलमोल जवाब
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.बीपी गुप्ता भी गोलमोल जवाब देते नज़र आये. उन्होनें कहा कि डायलिसिस विभाग में एक महिला चिकित्सक की तैनाती की गई है. वे कहीं चली गई होगी. उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर के एमओयू साइन हो ही नहीं सकता. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अस्पताल उपाधीक्षक डायलिसिस विभाग की उक्त महिला डॉक्टर का नाम नही बता पाये.
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