Kiriburu (Shailesh Singh) : भारतीय मजदूर संघ का दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार को विभिन्न मांगो को लेकर आयोजित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आश्वासन के बाद शाम में समाप्त हो गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एंव भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने मजदुर नेताओं से वार्ता की इसके बाद उनसे मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा हुई.
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हजारो की संख्या में कामगारों ने लिया भाग
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह समन्वय समिति के संयोजक एस मल्लेषम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि भारतीय मजदूर संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के निजीकरण एवं निगमीकरण की नीतियों के सम्बन्ध में पुनर्विचार करे. इसी सन्दर्भ में उसे कोर और नॉन कोर सेक्टर में बांटने, व्यवसाईकरण के नाम पर प्रतिरक्षा और रेलवे प्रतिष्ठानों का निगमीकरण करने तथा विभिन्न रूपों और नामो से बेलगाम ठेकाकरण के बारे में फिर से विचार करे. बीएमएस यह महसूस करता है कि ये नीतियां एक तरफा है और लम्बे समय में भी अपेक्षित परिणाम नहीं दे सकती है. उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले केन्द्र सरकार के कर्मचारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के कामगारों का विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिसमें हजारो की संख्या में कामगारों ने भाग लिया.
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मजदूर नेताओं ने किया संबोधित
इस धरना में युरेनियम माइंस, कोल माइंस, स्टील, डीआरडीओ जैसे रक्षा संस्थान, आयुध कारखाने, नॉन कोल, प्रतिरक्षा, डाक रेलवे, बंदरगाह, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक, अंतरिक्ष, टेलिकॉम एविएशन, एफसीआई तथा अन्य उद्योगों से भारी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया. इस रैली को भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रविन्द्र हिम्मते , एम पी सिंह, एस मल्लेशम, अशोक शुक्ला, सुरेन्द्र पाण्डेय, गिरीश आर्या, रामनाथ गणेशे, डी के पाण्डेय तथा सभी अखिल भारतीय महासंघो के महामंत्री ने संबोधित किया. मजदूर नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें विभिन्न मांगों से सम्बंधित एक पत्र सौंपा.