Jamtara: उपायुक्त के निर्देश पर नारायणपुर थाना प्रभारी दयाशंकर राय को लाइन हाजिर किया गया है. आरोप है कि चिरुडीह गांव के पांच पीड़ित दलित परिवार के मामले को सुलझाने में वे असफल रहे और उन्होंने एफआईआर दर्ज करने में भी देरी की थी. लिहाजा प्रभारी दयाशंकर राय को नारायणपुर थाना से हटा दिया गया है. और उन्हें लाइन हाजिर होने का आदेश दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: चिरुडीह में दलित की जमीन पर कब्जा मामले में भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
म्यूटेशन को किया निरस्त
उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर म्यूटेशन को निरस्त कर दिया है. कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट से यह प्रतीत होता है कि बदलैन की प्रक्रिया में कई त्रुटियां हैं. जिस कारण अदला-बदली के तहत हुए जमीन के म्यूटेशन को रद्द कर दिया है. अब यह जमीन दलित परिवार की होगी. साथ ही चिरुडीह एवं मोचियाडीह के ग्रामीणों के आपसी मतभेद को देखते हुए एक चौकीदार की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.
इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: चिरुडीह गांव के पीड़ित दलित परिवार की लिखित शिकायत पर 8वें दिन केस दर्ज
29 मार्च से भटक रहा परिवार
29 मार्च को रमजान मियां एवं 40-50 लोगों द्वारा निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास पर जबरन एस्बेस्टस लगाकर छावनी कर लिया गया था. इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था. लेकिन नारायणपुर थाना प्रभारी पर मामले में उचित कार्रवाई के बदले टालमटोल का रवैया अपनाने का आरोप लगा है.
इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: जमीन और आवास पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा करने के विरोध में धरना-प्रदर्शन