Pramod Upadhyay
Hazaribagh: दूसरों के घरों को रोशन करनेवाला विभाग खुद के भवन के लिए फरियाद लगा रहा है. लेकिन सुननेवाला कोई नहीं है, और न ही बदलाव के कोई आसार दिख रहे हैं. हजारीबाग दीपूगड़ा स्थित बिजली विभाग के सब डिवीजन कार्यालय में पांच प्रखंडों का बिजली बिल का लेखा-जोखा होता है. यह भवन वर्षों से जर्जर है. कभी भी ध्वस्त हो सकता है. जान जोखिम में डालकर इस दफ्तर में कर्मी वर्षों से काम कर रहे हैं. भवन की छत पर घास उगे हुए हैं. यह घास धीरे-धीरे पूरे भवन को अपने आगोश में लेने को तैयार है.
हर दिन यहां औसतन चार दर्जन उपभोक्ता बिजली का काम करवाने आते हैं. उपभोक्ता उस भवन में प्रवेश करने से भी डरते हैं. बरसात में ऑफिस में पूरा पानी भर जाता है. कर्मियों का कहना है कि यह महज संयोग है कि अब तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. कहीं कोई घटना हुई, तो इसका जिम्मेवार कौन होगा.
क्या घटना के बाद लिया जाएगा संज्ञान
दीपूगढ़ा स्थित बिजली विभाग के सब डिविजन कार्यालय का संज्ञान क्या तब लिया जाएगा, जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी. यह कहना है यहां काम करनेवाले कर्मियों और बिजली के काम से आनेवाले उपभोक्ताओं का. वर्षों से बिजली विभाग के सब डिविजन कार्यालय का यह भवन जर्जर है. दो कमरे में एसडीओ सहित सात कर्मी काम करते हैं. इस कार्यालय में बड़कागांव, विष्णुगढ़, केरेडारी, टाटीझरिया और सदर के उपभोक्ताओं के बिजली बिल और कनेक्शन लेने आदि से संबंधित काम होते हैं. बरसात में कर्मी छाता लगा कर काम करते हैं. यहां के दरवाजे और खिड़कियां टूट चुकी हैं. दफ्तर में कई बार चोरी भी हो चुकी है.
क्या कहते हैं सब डिवीजनल कार्यालय के प्रधान लिपिक
इस संबंध में बिजली विभाग सब डिवीजनल कार्यालय के प्रधान लिपिक राकेश पांडे ने बताया कि इस कार्यालय से बिलिंग का काम होता है. ग्रामीण एसडीओ समेत सात कर्मी काम करते हैं. तीन साल पहले दरवाजा तोड़कर चोरी कर ली गई थी. भवन में दरार आ चुका है. यहां की दीवार कभी भी गिर सकती है. जान जाने का भय बना रहता है, लेकिन मजबूरी है, नौकरी तो करनी ही पड़ेगी. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता महादेव मुर्मू ने कहा कि फिलहाल इसी भवन में रहना होगा. बिजली विभाग को अपना नया भवन अभी नसीब नहीं है. यह सही बात है कि भवन काफी जर्जर हो चुका है. विभाग के वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई है.
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