Ranchi : झारखंड में सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना में अनियमितता सामने आई है. इसकी जांच मे लिए पंचायती राज विभाग ने सभी उपविकास आयुक्तों को पत्र लिखा है. वहीं कहा है कि योजना में अनियमितता बरतने वाले अफसर व संवेदक को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए. पंचायती राज विभाग के पत्र के बाद सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना का काम करने वाली एजेंसियों के बीच हड़कंप है.
पंचायती राज ने यह पत्र विभागीय स्तर पर जांच में पाई गई गड़बड़ियों के बाद लिखा है. पिछले दिनों विभागीय टीम ने कई जिलों में सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना का निरीक्षण किया था. इसमें ज्यादातर योजनाओं को बंद पाया गया. वहीं कई योजनाएं पूर्ण नहीं हुई हैं, उसे भी कागज पर पूर्ण दिखाकर राशि की निकासी कर ली गई है.
प्रदेशभर में कुल 12 हजार 366 सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना का काम पूर्ण हो गया है. जिसमें से 1592 योजना आदिम जनजाति समूह के निवास स्थान के आसपास चालू किए कर दिए गए है. राज्यभर में 14 हजार 460 सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना का काम होना है. अबतक प्रदेशभर में जितने भी सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना का काम पूरा हुआ है, उसपर अबतक करीब 48 हजार करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं. इसमें से ज्यादातर रुपए 14वें वित्त आयोग से लिए गए थे.
जहां सतही जल की कमी, वहीं योजना शुरू होगी
प्रदेशभर में जलां पर्याप्त मात्रा में सतही जल की उपलब्धता नहीं है, वहां सौर ऊर्जा आधारित एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को लिया जाना है. इसके लिए राज्य द्वारा चार तरह का मॉडल इस्टिमेट तैयार किया गया है. वर्ष 2020-21 में कुल 2094 अदद् लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसमे 1236 योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण को चुका है. वर्ष 2021-22 में 15000 अदद् लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं ली गई है.
आदिम जनजाति समूह के लिए योजना वरदान
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अफसरों का कहना है कि सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजना आदिम जनजाति समूह के लिए काफी लाभप्रद है. समूह की महिलाओं को पानी के लिए पहाड़ जंगल का रास्ता तय करना पड़ता था. येाजना के आने से कई आदिम जनजाति समूह के निवास स्थान पर पानी की किल्लत समाप्त हो गई. राज्य के सभी 2251आदिम जनजाति समूह टोलों में सोलर आधारित मिनी जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 1592 अदद योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है.