Ranchi: सरकार की ओर 2021 में बनी नियोजन नीति को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. इस फैसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि नीति को लेकर जिन 20 लोगों ने हाईकोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी, उसमें से 19 तो दूसरे राज्य के थे. साफ है कि अन्य राज्य के युवा नहीं चाहते कि आदिवासी-मूलवासी को उनका हक और अधिकार मिले. राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे गिरोह हैं, जो नहीं चाहते कि हमारे युवाओं को थर्ड और फोर्थ ग्रेड में भी नौकरी मिल सके. कई राज्यों ने ऐसा कानून बनाया है, जिसमें थर्ड और फोर्थ ग्रेड में स्थानीय युवाओं को सीधे तौर पर नौकरी मिलती है.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को उनका हक एवं वंचितों को आरक्षण देने के लिए सभी दलों के नेताओं एवं निर्दलीय विधायकों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने की अपील की थी. हालांकि भाजपा नेताओं ने पहले ही इससे दूरी बनाने के संकेत दे दिये थे. अपने लिखे पत्र में हेमंत सोरेन ने झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 एवं झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध राज्यपाल से किया था. इसके लिए सभी दलों के नेताओं से प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री का मानना है कि उपरोक्त विधेयकों को शीघ्र कानून का रूप मिलने से राज्य के लोगों को उनका अधिकार और हक मिल पाएगा.
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हेमंत ने मीडिया से क्या कहा
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के युवाओं को उनका हक व अधिकार दिलाने के लिए पहले भी कई बार नीतियां बनी हैं ,लेकिन हर बार हाईकोर्ट के द्वारा नीतियों को रद्द कर दिया गया.
इस बार भी हमने ऐसा प्रयास किया, लेकिन हमें पहले से ही पता था कि राज्य में कुछ ऐसी षड्यंत्रकारी शक्तियां है जो येन केन प्रकारेण झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के अधिकारों को रोकने का काम करेंगी.
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सीएम ने कहा, हमारी सरकार ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण विधेयक को विधानसभा से पारित कराकर केंद्र की नौंवी अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी. विधेयक अभी राज्यपाल के पास है. यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर यह मांग की है कि दोनों विधेयकों को जल्द से जल्द नौंवी अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार को भेजने का काम किया जाये, ताकि झारखंड के युवाओं, आदिवासी मूलवासियों को उनका हक व अधिकार मिल सके.
मुख्यमंत्री ने झारखंड के युवाओं से कहा है कि वे नियोजन नीति को लेकर किसी प्रकार की चिंता नहीं करें. सरकार ने आज राज्यपाल से मिलकर इस बात को रखा है कि नियोजन नीति में किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं किया गया. हेमंत सोरेन ने कहा कि मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने आश्वस्त किया है कि दोनों विधेयकों पर वे गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं.
साफ नीयत से झारखंडियों के हित में बनी हर नीतियों का समर्थन करेगी आजसू पार्टी : भगत
आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि आरक्षण, खतियान आधारित स्थानीय नीति तथा स्थानीयता के आधार पर नियोजन नीति को लेकर आजसू पार्टी शुरु से मुखर रही है.. अगर साफ नीयत एवं मंशा के साथ सरकार झारखंड एवं झारखंडियों के हित में कोई भी निर्णय लेती है या नीति बनाती है, तो आजसू पार्टी हमेशा उसका समर्थन करेगी.