Ranchi: झारखंड में नक्सलियों का बड़ा गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों ने कब्जा कर लिया है. लेकिन अभी भी 125 हार्डकोर नक्सली पुलिस की पहुंच से दूर हैं. इनपर सरकार ने एक करोड़ से लेकर एक लाख तक का इनाम घोषित कर रखा है. झारखंड के आठ जिले अभी भी घोर नक्सल प्रभावित हैं. इनमें लातेहार, गिरिडीह, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, चतरा, सरायकेला व प.सिंहभूम शामिल है. इन जिलों में शाम ढलने के बाद पुलिस भी ग्रामीण इलाकों में जाने से बचती है.
पारसनाथ, चाईबासा में नक्सली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हैं.
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गिरिडीह के पारसनाथ और चाईबासा में नक्सली पुलिस के लिए बने हैं चुनौती
खूंटी, सरायकेला-खरसावां में जहां एक करोड़ के इनामी अनल दा का दस्ता सक्रिय है. वहीं पारसनाथ में भी एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा का दस्ता सक्रिय है. दोनों जगहों पर सुरक्षा बल इन दोनों नक्सलियों को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही है. रांची, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह और बोकारो का क्षेत्र अभी एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी, अनल, मिसिर बेसरा जैसे नक्सलियों की शरण स्थली है. यहीं पर नक्सल गतिविधियों का प्लान तैयार होता है, जिसे छोटे कैडर अंजाम देते हैं.
16 जिलों में 125 हार्डकोर नक्सली अभी भी पकड़ से दूर
राज्य के 16 जिले रांची, खू्ंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा और सरायकेला में पांच संगठन पुलिस को चुनौती दे रहे हैं. इनमें भाकपा माओवादी, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी, झारखंड जन मुक्ति परिषद व झारखंड प्रस्तुति कमेटी (जेपीसी) शामिल हैं. जेपीसी को छोड़ शेष चार संगठन के 125 हार्डकोर नक्सलियों-उग्रवादियों पर सरकार ने एक लाख से एक करोड़ रुपए का इनाम रखा है.
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