Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी का निधन हो गया. 88 साल के केशरी नाथ त्रिपाठी ने प्रयागराज स्थित आवास पर आज सुबह 5 बजे अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका घर पर चल ही इलाज चल रहा था. उनके बेटे नीरज त्रिपाठी ने यह जानकारी दी है.
Prayagraj, Uttar Pradesh | Senior BJP leader and former speaker of UP Legislative Assembly Keshari Nath Tripathi passes away, confirms his son Neeraj Tripathi pic.twitter.com/9nFzsEwvuF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
कई दिनों तक अस्पताल में थे भर्ती
जानकारी के मुताबिक, केशरी नाथ त्रिपाठी बीते साल आठ दिसंबर को बाथरूम में फिसल गये थे. जिसकी वजह से उनका बायां कंधा फैक्चर हो गया था. इसके बाद से उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था. घर पर ही उनका इलाज चल रहा था. 30 दिसंबर को हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें प्रयागराज शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. फिर उन्हें घर ले आया गया था. लेकिन आज तड़के सुबह उनका निधन हो गया.
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तीन बार रह चुके थे यूपी विधानसभा के अध्य्क्ष
केशरी नाथ त्रिपाठी जन्म 10 नवंबर 1934 को हुआ था. वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. केशरी नाथ त्रिपाठी पेशे से वकील भी थे. केशरी नाथ त्रिपाठी की बीजेपी के कद्दवार नेताओं में गिनती होती थी. यूपी की राजनीति में उनकी अपनी एक अलग पहचान थी. वह तीन बार यूपी विधानसभा अध्य्क्ष भी रहे. साथ ही यूपी बीजेपी अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया.
कश्मीर और श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में गये थे जेल
केशरी नाथ त्रिपाठी ने जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. उनके पास बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में छोटे कार्यकाल के लिए अतिरिक्त प्रभार भी था. केशरी नाथ त्रिपाठी 1952 में भारतीय जनसंघ से जुड़े. वह कश्मीर आंदोलन में शामिल हुए. इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में भी वह शामिल हुए. इसके लिए 1990 में 23 अक्टूबर से 10 नवंबर तक उन्हें जेल में रहना पड़ा था.
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पेशे से वकील भी थे केशरी नाथ त्रिपाठी
केशरीनाथ त्रिपाठी ने सेंट्रल हिंदू स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की थी. उन्होंने कक्षा दो से 8वीं तक की पढ़ाई सरयूपारीण स्कूल से पूरी की थी. उन्होंने 1949 में अग्रवाल इंटर कालेज से हाईस्कूल और 1951 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने 1953 में इलाहाबाद विश्व विद्यालय से बीए की पढ़ाई की. फिर यहीं से एलएलबी किया. एक वर्ष की वकालत करके 1956 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए. उन्हें मेरठ विश्वविद्यालय से डी.लिट् और राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से एलएलडी की मानद उपाधि मिली.