Giridih : बेंगाबाद प्रखंड के मानजोरी गांव में मनरेगा योजना के तहत निर्मित कुआं से खेतों की सिंचाई कर एक किसान आत्मनिर्भर हुए हैं. इस समय उनके खेत में गोभी की फसल लहलहा रही है. एक एकड़ जमीन में उन्होंने गोभी की खेती की है. शेष बचे पांच एकड़ जमीन पर आलू, सरसो और बागवानी कर रहे हैं. किसान का नाम चंद्रदेव महतो है. उनके मेहनत की तारीफ आसपास के कई गांवों के किसान कर रहे हैं. नाबार्ड से मिली प्रेरणा के बाद उन्होंने अपने बेकार पड़े जमीन पर खेती शुरू की. सिंचाई के लिए खेत में ही पहले कच्चा कुआं का निर्माण कर सिंचाई शुरू की, बाद में मनरेगा योजना के तहत पक्का कुआं का निर्माण कराया. पक्का कुआं बनने के बाद खेतों में फसल बोने का दायरा बढ़ाया. वे करीब दस वर्षो से गोभी की खेती कर रहे हैं. गोभी साठ से सत्तर दिनों में तैयार हो जाती है. शुरू में इसकी अच्छी कीमत मिलती है, धीरे-धीरे दाम घटती है. उन्हें गोभी से एक सीजन में लागत मूल्य काटकर करीब पचास हजार रुपए की आमदनी होती है.
नाबार्ड के अधिकारी भीम प्रसाद सिंह ने बताया कि चंद्रदेव महतो मेहनती किसान हैं. वे खेती कर आत्मनिर्भर हुए हैं. जिले के अन्य किसानों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. नाबार्ड किसानों में जागरूकता लाया है. इसका असर भी दिखने लगा है. जिला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ वर्षो से किसानों में सब्जी फसल की खेती करने को लेकर रुचि बढ़ी है. ऐसे किसानों को कृषि विभाग सिंचाई के लिए पंप सेट समेत अन्य उपकरण उपलब्ध करा रहा है. बैंकों से मिलने वाली केसीसी ऋण से भी किसानों को मदद मिल रही है.
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