Jamtara : आदिवासी सेंगेंल अभियान के जिलाध्यक्ष गोपाल सोरेन की अध्यक्षता में पारसनाथ पहाड़ को आदिवासियों को सौंपने की मांग को लेकर मंगलवार को समाहरणालय के समीप धरना प्रदर्शन किया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि गिरिडीह जिला के पीरटांड़ प्रखंड में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ संताल आदिवासियों का ईश्वर है. संताल आदिवासी अपनी सभी पूजा अर्चना में सबसे पहले हिरला मारंग बुरू हिरला का उच्चारण करते हैं. कहा पारसनाथ पहाड़ में आदिवासियों का जाहेरथान भी है. सरकार द्वारा आदिवासियों की धार्मिक मान्यता और भावनाओं पर हमला करते हुए आदिवासियों को पूर्णता दरकिनार कर मरांग बुरू को आदिवासियों से छीनकर जैनियों को सुपुर्द करना मतलब आदिवासियों के भगवान का कत्ल करने जैसा है.
उन्होंने कहा कि मरांग बुरू पर आदिवासियों का पहला अधिकार है. मरांग बुरू हमारे लिए सर्वोच्च पूजा स्थल है. उसी प्रकार लुगू बुरू जो झारखंड के बोकारो जिले में है. पुरूलिया में अयोध्या बुरू है. हमारी मांग है कि पारस नाथ पहाड़ के अलावे देश की सभी पहाड़ पर्वतों को आदिवासी समाज को सौंपा जाए. मौके पर मांझी परगना मंडवा जिला अध्यक्ष विशेश्वर मरांडी, संजीत सोरेन, बलदेव किस्कू, शिव ठाकुर सोरेन, वीरेन्द्र सोरेन, विशु मुर्मू, परमेश्वर बेसरा आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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