Garhwa : सदर अस्पताल परिसर स्थित डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के सामान्य वार्ड में नीरज कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. उसके परिजनों का आरोप है, कि साज़िश के तहत उसकी हत्या की गई है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और जो दोषी है उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए.
हत्या के बाद आत्महत्या का रंग देने की कोशिश
मृतक नीरज के परिजनों का कहना है कि, वह 14 अप्रैल से कोविड हॉस्पिटल में भर्ती था. हॉस्पिटल की लचर व्यवस्था को लेकर हमेशा बेड दूसरे जगह शिफ्ट कराने की मांग करता था. हमने कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं करा पाए. इसी दौरान बीते 18 अप्रैल की रात 9:00 बजे नीरज ने उल्टी करते हुए अपने परिजनों को कॉल किया और कहा कि लगता है मेरे खाने में कुछ मिला दिया गया है. मुझे तेज उल्टी आ रही है. इसी दौरान 19 अप्रैल की सुबह सूचना मिली की उसने आत्महत्या कर लिया है. उसके परिजन जब घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा, कि वह गमछी से बंधा हुआ है और गमछा का फंदा भी ढीला था. साथ ही उसका दोनों घुटना मुड़ा हुआ था . और उसका पैर जमीन से सटा हुआ था. इसके अलावा उसका हाथ और पैर काला हो गया और चेहरे पर काले दाग का निशान था. परिजनों का आरोप है की फांसी लगाने से उसकी मौत नहीं हुई है, बल्कि किसी साजिश के तहत उसकी हत्या कर फांसी पर लटका दिया गया. परिजनों का कहना है कि पूरा विश्वास है कि उसकी हत्या कर दी गई है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
ग्रिल में गमछा के सहारे लटकता पाया गया था शव
सदर अस्पताल परिसर स्थित डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के सामान्य वार्ड में इलाजरत नीरज कुमार उपाध्याय 36 वर्ष का शव 19 अप्रैल की सुबह बरामदे में लगे दरवाजे के ग्रिल में गमछा के सहारे लटकता पाया गया था.
वह मझिआंव थाना क्षेत्र के करकट्टा गांव निवासी सुरेंद्र उपाध्याय का पुत्र था. कोरोना संक्रमित होने पर 14 अप्रैल 2021 को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हुआ था. युवक ने अस्पताल में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए बेचेन रहने से मौत को बेहतर बताया है. लेकिन जिस स्थिति में उसका शव बरामद हुआ है. उससे उसकी मौत संदेहास्पद प्रतीत हो रही थी.