Koderma : जिले में बेकाबू हो चुके कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पिछले 24 घंटों में कोविड अस्पताल डोमचांच में 7 मरीजों की मौत हो चुकी है. जबकि वहीं अस्पताल में कुछ अन्य मरीजों की भी हालत गंभीर होने की बात कही जा रही हैं. सूत्रों की माने तो इन मौतों की वजह इलाज में लापरवाही बतायी जा रही हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की माने तो मरने वाले 7 मरीजों में से 2 की मौत अस्पताल लाने के पहले ही हो गयी थी.
कोविड सेंटर डोमचांच के आईसीयू में सिर्फ सीरियस मरीज को ही भर्ती कराया जाता है. लेकिन स्वास्थ्य कर्मी की लापरवाही वहां देखने को मिलती है. मिली जानकारी के अनुसार जब आईसीयू में एक मरीज को भर्ती कराया गया था. मरीज को कोई देखने वाला नहीं था. और उसके बेड के दोनों तरफ शव रखा हुआ था. अब सवाल यह उठता है कि जिस मरीज को इलाज के लिए वहां लाया जाता है, उसे इस तरह से मरने के लिए क्यों छोड़ दिया जाता है.
24 घंटे में 7 लोगों की मौत
पिछले 24 घंटे में कोरोना से मरने वाले की संख्या 7 हो गयी है. लगातार ही इस आंकड़े में इजाफा हुआ है. मरने वालों में तिलैया डैम के कांटी निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति, झुमरी तिलैया के गौरीशंकर मुहल्ला निवासी 54 वर्षीय महिला, कोडरमा के जलवाबाद निवासी 67 वर्षीय वृद्ध, तिलैया निवासी 45 वर्षीय युवक, जयनगर के अलगडीहा निवासी 67 वर्षीय व्यक्ति, चंदवारा के खांडी निवासी 52 वर्षीय व्यक्ति के अलावा झुमरी तिलैया निवासी 80 वर्षीय वृद्ध शामिल है.
अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा
मृतकों के अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्लास्टिक से कवर कर डिस्पैच करने के लिए कोविड अस्पताल में 3 कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. अस्पताल से शवों का डिस्पैच करने के अलावा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार भी कराया जा रहा है. जिसके कारण इस कार्य में काफी विलंब हो रहा है.
13 अप्रैल से अब तक 28 लोगों की मौत
पिछले 12 दिनों की बात करें तो 13 अप्रैल से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी हैं. जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार के अनुसार जिले भर में पिछले 24 घंटे में 228 मरीज मिलने के बाद अब तक 2293 कोरोना के एक्टिव केस हैं. जबकि जिले के अंदर अब तक 59 लोगों की जान जा चुकी है.
कोविड सेंटर में पौष्टिक आहार के नाम पर भी केवल खाना पूर्ति
बता दें कि जिला प्रशासन हमेशा से दावा करता आया है कि उसके द्वारा मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है तो वहीं मौत के आंकड़े एवं लापरवाही कुछ अलग ही बयां करते हैं. डेडिकेटेड कोविड सेंटर में पौष्टिक आहार के नाम पर भी केवल खाना पूर्ति की जा रही है. बातचीत के दौरान एक मरीज ने बताया कि मरीजों को पौष्टिक आहार दिया जाता है,ऐसा कागजों पर या फाइलों में मेंशन किया जाता है लेकिन खाना के नाम पर दो वक्त का भर पेट भोजन भी नहीं मिलता. उसने यह भी बताया कि जिस लापरवाही से इलाज किया जाता है. उससे जो मरीज बचने के लायक भी हो तो भी उसकी मौत हो जाती है.