Aurangabad:बिहार में जहां एक कोरोना महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है वहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की खबरें भी आ रही हैं. एक ओर जहां वैक्सीन नहीं उपलब्ध होने के कारण वैक्सीनेशन के काम में बाधा आयी है, वहीं दूसरी ओर कोविड-19 की कोविशील्ड वैक्सीन औरंगाबाद आई है, उसमें से अब तक 2799 डोज बर्बाद हो चुकी है. इतने लोगों को यह वैक्सीन दी जा सकती थी लेकिन विभिन्न कारणों से यह वैक्सीन बर्बाद हुई. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह के अनुसार औरंगाबाद जिले को एक लाख 23 हजार 980 डोज मिली थी.
करीब साढ़े 13 हजार डोज का इस्तेमाल
अब तक एक लाख 13 हजार 311 डोज का इस्तेमाल किया जा चुका है. 95043 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है जबकि 18268 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के पास वर्तमान समय में 7870 डोज बची हुई है. डॉ मिथिलेश ने कहा कि 2799 डोज बर्बाद हुई है. एक वायल को खोलने पर 10 लोगों को डोज दी जा सकती है. कई बार ऐसा हो रहा है कि 10 की जगह कम लोग ही उपस्थित होते हैं. जिसके कारण डोज बर्बाद होती है. इसे कुछ घंटों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है और उसके बाद यह बर्बाद हो जाएगी.
डॉ मिथिलेश ने कहा कि शाम में दो लोगों के पहुंचने पर भी उन्हें वैक्सीन दी जाती है और ऐसे में आठ डोज के बर्बाद होने का खतरा रहता है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने का प्रयास किया जाता है. डॉ मिथिलेश ने बताया कि यह अभियान जारी है. अलग-अलग तिथियों में औरंगाबाद जिले को वैक्सीन प्राप्त हुई है जिसका इस्तेमाल हो रहा है.