- अविभाजित बिहार में (9 नवंबर 1999) योजना मद में 15,000 उर्दू शिक्षक स्वीकृत किये गये थे, इसमें झारखंड राज्य के जिलों के लिए 4401 पद थे.
- 31 जुलाई 2002 को वित्त विभाग ने गैर-योजना मद में स्थानांतरण की बात कही थी.
- स्वीकृति 4401 पदों में से अभी केवल 701 कार्यरत
- पहली बार योजना मद से गैर-योजना मद में हेमंत सरकार ने किया स्थानांतरण
- प्रारंभिक विद्यालयों में इंटरमीडिएट प्रशिक्षित उर्दू शिक्षक होंगे लाभान्वति, सबसे अधिक रांची और पूर्वी सिंहभूम में हैं स्वीकृत पद
Ranchi : राज्य में इंटरमीडिएट प्रशिक्षित उर्दू शिक्षकों को हेमंत सोरेन सरकार ने करीब 20 साल बाद बड़ा तोहफा दिया है. अब इन शिक्षकों का वेतन भुगतान योजना मद की जगह गैर-योजना मद किया जायेगा. बीते दिनों हुए कैबिनेट की बैठक में इसके स्थानांतरित का फैसला हुआ था. राज्य में सभी 24 जिलों में कुल 4401 उर्दू शिक्षकों का पद स्वीकृत है. इन उर्दू शिक्षकों को नियमित वेतन मिल सके, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने स्वीकृत पदों को गैर-योजना मद में स्थानांतरित करने का फैसला किया है. बता दें कि इन पदों का वेतनमान 9300-34800 रुपए (ग्रेड पे 4200 रुपए) है. (पढ़ें, अलर्ट : 15 फरवरी से बड़े बिजली बिल बकायेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई)
वित्त विभाग ने 31 जुलाई 2002 को ही माना था कि किया जा सकता है स्थानांतरण
अविभाजित बिहार के समय 9 नवंबर 1999 को 15,000 उर्दू शिक्षकों का पद योजना मद के लिए स्वीकृत हुआ था. इनमें झारखंड राज्य के जिले के लिए कुल 4401 पद थे. वर्तमान में 4401 उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत शिक्षकों की संख्या 701 है. वित्त विभाग, झारखंड सरकार ने 31 जुलाई 2002 को कहा था कि तीन वर्षो से अधिक अवधि से चले आ रहे योजना मद के पदों एवं योजना का गैर योजना मद में स्थानांतरण किया जा सकता है. बावजूद उर्दू शिक्षकों को योजना मद से गैर योजना मद में करने में 20 साल से अधिक समय लग गये. वित्त विभाग का मानना है कि कार्यरत 701 शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले योजना मद के पदों पर स्थानान्तरण करने की स्थिति में सभी 4401 पदों को गैर योजना मद में स्थानान्तरण करना आवश्यक है.
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2016-17 तक ही था योजना मद और गैर-योजना मद का प्रावधान
बजट में योजना मद और गैर-योजना मद का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2016-17 तक ही था. 2017-18 से इसकी जगह अब राजस्व और पूंजी व्यय के आधार पर बजट तैयार होता है. योजना मद में सरकार की योजनाओं (सड़क निर्माण, पानी, बिजली आदि) पर राशि खर्च होती थी. वहीं गैर-योजना मद में सेवा से जुड़े पदों यथा -शिक्षक, पुलिस, सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन दिया जाता था.
इन जिलों में उर्दू शिक्षकों के लिए है स्वीकृत पद
जिला का नाम |
स्वीकृत पद |
रांची |
399 |
पूर्वी सिंहभूम |
398 |
हजारीबाग |
308 |
गढ़वा |
327 |
गिरिडीह |
300 |
पश्चिम सिंहभूम |
294 |
बोकारो |
252 |
धनबाद |
224 |
गोड्डा |
202 |
पलामू |
192 |
साहेबगंज |
177 |
सरायकेला-खरसावां |
174 |
पाकुड़ |
160 |
चतरा |
153 |
रामगढ़ |
145 |
लातेहार |
135 |
लोहरदगा |
107 |
देवघर |
102 |
कोडरमा |
100 |
सिमडेगा |
60 |
जामताड़ा |
60 |
दुमका |
53 |
गुमला |
52 |
खूंटी |
27 |
कुल |
4401 |
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