Kiriburu (Shailesh Singh) : करोड़ों का घोटाला करने वाले मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम का अवैध वसूली करने का संबंध चाईबासा के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी से भी है. सूत्रों का कहना है कि विशेष प्रमंडल के वरिष्ठ अधिकारी का चाईबासा पदस्थापन में बीरेंद्र राम का योगदान रहा है. जिस तरह रामपुकार राम अवैध वसूली के राजदार हैं, अकूत धन संपत्ति का राज छुपाए हैं, उसी तरह विशेष प्रमंडल के अधिकारी भी अपने अवैध और टीम के सरदार बीरेंद्र राम के भी राजदार हैं. ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल चाईबासा में इन दिनों समाहरणालय के एक वरीय पदाधिकारी के संरक्षण में खुलेआम डीएमएफटी की योजना में सीएस और जिला के नाम पर 11 प्रतिशत कमीशन वसूली जा रही है.
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इसकी शिकायत भुक्तभोगी ठेकेदारों ने पिछले दिनों ग्रामीण मंत्री से की थी, लेकिन भ्रष्ट अभियंता अपनी ऊंची पहुंच और पैरवी के बल पर मामले की जांच होने से रुकवा दिया. अब सिर्फ ईडी और एनआईए ही इन भ्रष्ट अभियंताओं को सीधा कर सकती है. निविदा प्रक्रिया के पूरी होने के लंबे समय बीतने के बाद भी क्यों सीएस (इस शब्द का इस्तेमाल ठेकेदार और अधिकारी कमीशन के लिए करते हैं) नहीं हो रहा है. इस संबंध में जिला प्रशासन को कार्यकारी एजेंसी से पूछना चाहिए. सीएस और जिला के नाम पर वसूली में विलंब के कारण ठेकेदारों को कार्य आवंटित करने में देरी की जा रही है.
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भ्रष्टाचार का यह आलम है कि शिक्षा विभाग में अपना अभियंता सेल है, लेकिन जिला के वरीय पदाधिकारी कमीशन के लिए नियम विरुद्ध ढंग से वैसे विभाग के एजेंसी को दे दिया गया है, जिस पर विभाग से ही जिला की योजना का कार्य नहीं किए जाने का निर्देश राज्य के सभी उपायुक्तों को दिया गया है. पश्चिमी सिंहभूम जिला में पशुपालन घोटाला से भी बड़ा घोटाला डीएमएफटी फंड का घोटाला पदाधिकारी और अभियंता की मिलीभगत से हो रहा है. सरकार इस महा घोटाले की जांच ईडी और एनआईए से करा दे तो चारा घोटाला से भी बड़ा घोटाला चाईबासा में उजागर होगा.