इस साल भी दूरदर्शन पर 3 घंटे की कक्षा चलेगी, कक्षा का संचालन 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए होगा
Ranchi : कोरोना की दूसरी लहर में लोग तेजी से संक्रमित हो रहे है. सामान्य स्थिति होने में अभी समय लगेगा. इस महामारी को देखते हुए राज्य के शिक्षण संस्थानों ने शिक्षा के तरीके में बेहद बदलाव किया है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसके लिए शिक्षा विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है. शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन पढाई के लिए बच्चों को डिजिल कंटेंट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. बच्चों को डिलिटल कंटेंट पहुंचाने की तैयारी अंतिम चरण में है. पिछले वर्ष करीब 13 लाख बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया था. जो सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक नामांकित कुल बच्चों का 29 फीसदी है. इस वर्ष इस की संख्या बढ़ाने की कोशिश शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है.
चैप्टर के आधार पर डिजिटल कंटेंट तैयार किया जा रहा
शिक्षा विभाग क्लास, सबजेक्ट और चैप्टर के आधार पर डिजिटल कंटेंट तैयार कर रहा है. जो बच्चे व्हाट्सएप ग्रुप से नहीं जुड सकेंगे, वैसे बच्चों की पढाई में शिक्षा विभाग दूरदर्शन का सहारा लेगा. शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन संचालित किए जाने को लेकर तैयारी में जुट गया है. गत वर्ष शिक्षा विभाग दूरदर्शन के माध्यम से 10 लाख बच्चों को लाभांवित करने में सफल रहा था. जिस देखते हुए सरकारी विद्यालयों के बच्चों के लिए दूरदर्शन पर कक्षा शुरू करने का प्रयास शिक्षा विभाग ने तेज कर दिया है.
दूरदर्शन पर प्रतिदिन 3 घंटे कक्षा का संचालन किया जाएगा
कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इस वर्ष भी बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मटेरियल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग और दूरदर्शन के अफसरों के साथ बातचीत करेंगे. बातचीत के बाद शिक्षा विभाग आगे कदम बढ़ाएगा. दूरदर्शन पर प्रतिदिन 3 घंटे कक्षा का संचालन किया जाएगा. कक्षा संचालन 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए होगा.
बच्चों के लिए तैयार हो रहा है डिजिटल कंटेंट व मंथली कैलेंडर
शिक्षा विभाग क्लास, सबजेक्ट और चैप्टर के आधार पर डिजिटल कंटेंट तैयार कर रहा है. पहले चरण में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों तक डिजिटल कंटेंट को पहुंचाया जाएगा. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बच्चों या फिर उनके अभिभावकों के पास कंटेंट भेजे जाएंगे. जिसके सहयोग से बच्चे अभ्यास कर सकेंगे. वहीं डिलिटल कंटेंट बच्चों को बोझिल न लगे, इसके लिए मंथली कैलेंडर तैयार किया जा रहा है. कैलेंडर के सहयोग से बच्चे हर माह निर्धारित पढ़ाई कर सकेंगे.