Ranchi : विश्व जल दिवस के मौके पर कार्तिक उरांव कॉलेज, गुमला में व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें मैसूर के महाराजा इंस्टीट्यूट के डॉ मूर्ति मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शुद्ध जल की मात्रा सीमित है. इसीलिए इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए. उन्होंने विश्व जल दिवस मनाने की प्रासंगिकता को विस्तार से समझाया.
मुफ्त में मिले हवा-पानी का हम कद्र नहीं करते- डॉ प्रसनजीत
वहीं बॉटनी के एचओडी डॉ प्रसनजीत मुखर्जी ने बताया कि अपने रोजाना की आदतों में छोटे- छोटे बदलाव लाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं. ब्रश करते समय या नहाते समय पानी को बचा लें तो 10 से 20 लीटर पानी की बचत हम कर सकते हैं. हवा और पानी हमें प्राकृतिक रूप से मुफ्त मिलती है, जिसका हम कद्र नहीं करते. केमिस्ट्री के हेड प्रो तेतरू तिर्की ने कहा कि जल संरक्षण के लिए जागरूकता जरूरी है. जूलॉजी की डॉ अंशुमिता शेखर ने कहा कि जल के बिना सारा जग अधूरा है. इस मौके पर सौरव ,दीपा, दीपिका जूही और मुस्कान समेत 100 से भी ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.
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