हजारीबाग में भू-माफियाओं ने सीएनटी की जमीन बेचने की निकाली तरकीब
बेलगान तीन डिसमिल जमीन को बना दिया तीन एकड़
Hazaribagh : हजारीबाग में जमीन के खरीदार सावधान हो जाएं. कहीं आप फर्जी दस्तावेज के जरिए बेची गई जमीन में अपनी गाढ़ी कमाई तो नहीं खपा रहे. दरअसल जिले के कटकमदाग में ऐसा ही सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. दरअसल सीओ (अंचलाधिकारी) के फर्जी हस्ताक्षर से एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) बनाया जा रहा है. इस एलपीसी की जरूरत जमीन रजिस्ट्री में अनिवार्य कर दिया गया है. बिना एलपीसी के जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी, तो उस भूमि की खरीद-बिक्री भी नहीं हो पाएगी. चूंकि सीएनटी की जमीन नॉन-सीएनटी नहीं खरीद सकते. ऐसे में भू-माफियाओं ने सीएनटी की जमीन बेचने की नई तरकीब निकाली है.
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भू-स्वामी पचड़े में फंस जाते हैं
सरकारी दस्तावेज में जो जमीन सीएनटी और बेलगान है, उस पर सीओ के फर्जी हस्ताक्षर से एलपीसी बनाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं तीन डिसमिल जमीन को तीन एकड़ बना दिया गया है. इसमें सीओ के फर्जी हस्ताक्षर से सादे फॉर्मेट में जमीन की मनचाही प्रकृति और रकवा बदलकर एलपीसी जारी कर दिया गया है. ऐसे में लाखों में जमीन बेचकर भू-माफिया तो निकल जाते हैं और बाद में भू-स्वामी पचड़े में फंस जाते हैं. ऐसे में उनके पैसे भी चले जाते हैं और जमीन भी अपनी नहीं हो पाती है.
3 डिसमिल को 3 एकड़ बना दिया गया
कटकमदाग प्रखंड में एलपीसी के केस नंबर-210 का मामला सामने आया है. इसमें निर्गत एलपीसी पर जमीन का रकवा महज तीन डिसमिल है, जिसे फर्जी तरीके से तीन एकड़ बना दिया गया है. इसमें सरकारी मुहर के साथ कर्मचारी, सीआई और सीओ के फर्जी हस्ताक्षर हैं.
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क्यों जरूरी है एलपीसी
जमीन की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी से बचने के लिए एक प्रावधान बनाया है कि जिसके तहत भूमि विक्रेता को जमीन पर अपने स्वामित्व से संबंधित ब्योरा अंचल कार्यालय से निकलवाना पड़ता है ताकि यह पता चल सके कि वह जमीन सीएनटी में नहीं आती है. साथ ही रजिस्टर-2 में जमीन का डिमांड खुला हुआ है. इस बाबत एक मेल भी अचंल से रजिस्ट्री ऑफिस को किया जाता है ताकि जो एलपीसी निर्गत किया गया है, वह सही है.
फर्जी मेल जारी करने की भी आशंका
कटकमदाग में जो मामला सामने आया है, तो ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि भूमि से संबंधित मामले में फर्जी मेल भी जारी किया गया है. यह जांच का विषय है.