Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : सीजीपीसी के मौजूदा प्रधान सरदार भगवान सिंह मानगो गुरुद्वारा के प्रधान पद पर रहने की हैट्रिक बनाते हुए लगातार तीसरी बार मानगो गुरुद्वारा का प्रधान सर्वसम्मति से चुन लिये गये हैं. रविवार को गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो में आम सभा बुलायी गई थी. जिसमें भगवान सिंह को तीसरी बार मानगो गुरुद्वारा का प्रधान चुना गया. आनंद साहिब के पाठ के बाद श्रीगुरुग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास कर अगले तीन साल के लिए प्रधान बनाने की घोषणा की गई.
इससे पूर्व गुरुनानक स्कूल व गुरुद्वारा कमेटी के कार्यों का लेखा जोखा आम सभा में पेश किया गया. जिसमें स्कूल के सचिव संतोख सिंह और गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जासू ने गुरुद्वारा और सिख समाज की भलाई के लिए किए कार्यों का हिसाब दिया. आयोजित आमसभा में चेयरमैन राजेंद्र सिंह भाटिया ने भगवान सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे आम सभा में उपस्थित सदस्यों ने जयकारों के साथ भगवान सिंह के नाम पर मुहर लगा दी.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : कोल्हान में वर्षा के साथ हो सकती है ओलावृष्टि, मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट
सीजीपीसी के चेयरमैन समेत अन्य ने किया स्वागत
बोले सो निहाल के उद्घोष के साथ भगवान सिंह को सरोपा पहनाकर अगले तीन साल के लिए फिर प्रधान चुन लिया गया. प्रधान बनने के बाद भगवान सिंह ने श्रीगुरुग्रंथ साहिब के समक्ष संगत को विश्वास दिलाया कि जिस तरह से उन्होंने छह साल काम किया है आगे भी गुरु की सेवा में लगे रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से संगत ने उनपर विश्वास जताया है उसे वे शब्दों में बयान नहीं कर सकते. वे प्रधान के रूप में नहीं, मुख्य सेवादार की हैसियत से गुरुघर की सेवा करेंगे. प्रधान चुने जाने के बाद मानगो गुरुद्वारा में सीजीपीसी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह व मंच सचिव अमरजीत सिंह भामरा गुरनाम सिंह बेदी और सुखदेव सिंह बिट्टू ने गुरुद्वारा पहुंच कर उन्हें बधाई देते हुये उनका स्वागत किया.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : गोल्डन बेबी लीग 2023 के 5वें सप्ताह में 115 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
आम सभा की बैठक में यह रहे मौजूद
आम सभा की बैठक में ट्रस्टी संता सिंह, किरपाल सिंह, प्रीतपाल सिंह के अलावा रक्षपाल सिंह, संतोख सिंह, राजेंद्र सिंह, जसवंत सिंह जस्सू, सुखवंत सिंह सुखू , हीरा सिंह, हरविंदर सिंह, अवतार सिंह, हरदयाल सिंह, दर्शन सिंह, मलकीत सिंह, रवीन्द्र सिंह, हरविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह और हरजिंदर सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.