Ranchi : भारत में कोरोना एक बार फिर पांव पसार रहा है. बीते 24 घंटे में 1146 नये मरीज मिले हैं. जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16354 हो गयी है. वहीं संक्रमण से 7 लोगों की मौत भी हुई है. कोरोना की वजह से दिल्ली में 2, गुजरात में 1, कर्नाटक में 2 और पंजब में 2 संक्रमित की जान चली गयी. झारखंड में बीते 24 घंटे में 2 नये संक्रमित मरीज मिले हैं. जिसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर है. केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन से पहले ही झारखंड के विभिन्न अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू बेड, मैन पावर समेत जरूरी दवाओं के स्टॉक का जायजा लिया गया. (पढ़ें, लातेहार : नगर पंचायत की विजिलेंस टीम ने की छापामारी, होल्डिंग, वाटर सहित अन्य टैक्स वसूले)
झारखंड के सभी अस्पतालों में आज मॉक ड्रिल करने के दिये गये थे निर्देश
इधर कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 27 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग किया गया था. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एनएचएम के अभियान निदेशक भुवनेश प्रताप ने निर्देश दिया था कि 10 और 11 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल किया जायेगा. वहीं 1 अप्रैल को झारखंड के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगा. निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल में आज मॉक ड्रिल किया गया.
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सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था, मॉक ड्रिल कर तैयारियों का जायजा
सदर अस्पताल में हवा से ऑक्सीजन तैयार करने वाली दो पीएसए यूनिट (800 लीटर प्रति मिनट क्षमता) के अलावा 1 पीएसए प्लांट (100 लीटर प्रति मिनट क्षमता) और 20 हजार लीटर की क्षमता वाला लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लगाया जा चुका है. नोडल अधिकारी मॉक ड्रिल डॉ शशिभूषण खलखो ने कहा कि केरल, महाराष्ट्रा और गुजरात में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है. वहीं एमडी एनएचएम से मिले निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल लाने, स्क्रीनिंग और वार्ड में भर्ती कर इलाज की व्यवस्था का मॉक ड्रिल किया गया है.
मॉक ड्रिल कर सदर अस्पताल की तैयारी का लिया जायजा
वहीं सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ खेतान ने कहा कि समय रहते व्यवस्था का आकलन कर लेने से संक्रमित मरीजों के इलाज में राहत होगी. मॉक ड्रिल के दौरान कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर हर एक पहलू पर ध्यान दिया गया है.
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