Jamshedpur (Anand Mishra) : राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक स्कूल को कम से कम 50 घंटे के सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) में अपने सभी शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित करनी है. इसके तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपने संबद्ध सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास के लिए विशेष अभियान की शुरुआत कर रहा है. बोर्ड की ओर से बताया गया है कि जैसा कि सीबीएसई उप-नियमों में भी अनिवार्य है, प्रत्येक शिक्षक से एक वर्ष में बोर्ड द्वारा आयोजित कम से कम 25 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने की अपेक्षा की जाती है और शेष अन्य स्रोतों से संबंधित राज्यों अथवा संघ शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों द्वारा व्यवस्थित किया जाता है.
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सीबीएसई ने इन सेवा पर ध्यान देने के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में 16 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं. सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों के शिक्षकों का प्रशिक्षण दो श्रेणियों के तहत आयोजित किया जाएगा, : जिसमें सामान्य और विषय विशिष्ट शामिल है. कक्षा 10वीं और 12वीं के विषयों के साथ संरेखित 23 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम हैं, जबकि किशोर शिक्षा कार्यक्रम, कला एकीकरण, समावेशी शिक्षा, हैप्पी क्लासरूम, साइबर सुरक्षा और सुरक्षा और अन्य से लेकर 22 सामान्य पाठ्यक्रम हैं. हाल ही में लद्दाख, यूटी में 124 माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया गया है. आंध्र प्रदेश के 1000 सरकारी स्कूल भी सीबीएसई के दायरे में आ गए हैं. अधिक से अधिक के रूप में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त करना अनिवार्य है.
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बताया गया है कि बोर्ड इन विद्यालयों में शिक्षकों को इस संक्रमण काल में विशेष प्रशिक्षण देकर उनका मार्गदर्शन करेगा. संबंधित राज्य अथवा संघ राज्य क्षेत्र के संबंधित शिक्षा विभागों के साथ सहयोग कर ऐसे शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सलाह देने के लिए सीबीएसई द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. इसके बाद, इस बात पर सहमति बनी है कि अप्रैल, 2023 की शुरुआत में, सीबीएसई सीबीएसई से संबद्ध सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करेगा.
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प्रत्येक राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, निकाय प्रशिक्षण के लिए अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ अप्रैल से मार्च तक एक केंद्रीकृत वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करेगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक सरकारी शिक्षक को बोर्ड या राज्य सरकार या सरकारी अथवा क्षेत्रीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा आयोजित न्यूनतम 25 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त हो और शेष 25 घंटे के सीपीडी की व्यवस्था स्कूल द्वारा ही की जाएगी. शिक्षक प्रशिक्षण के सभी तौर-तरीकों को राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में अंतिम रूप दिया गया है, जो सीबीएसई प्रशिक्षण पोर्टल पर अपने सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और पीपीपी स्कूलों से शिक्षक प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रायोजित और करवाएंगे.